scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमविदेशऑर्गन ट्रांसप्लांट करवा चुके लोगों के लिए कारगर है कोविड रोधी वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक : रिसर्च

ऑर्गन ट्रांसप्लांट करवा चुके लोगों के लिए कारगर है कोविड रोधी वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक : रिसर्च

यह अनुसंधान छोटे स्तर पर किया गया जिसमें अंग प्रतिरोपण के केवल 30 मरीजों को शामिल किया गया. लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिहाज से टीके की अतिरिक्त खुराक के प्रभाव को समझने के लिए यह एक महत्वपूर्ण शोध है.

Text Size:

वाशिंगटन : एक लघु अध्ययन में यह संकेत मिला है कि कोविड-19 रोधी टीके की अतिरिक्त खुराक देने से, अंग प्रतिरोपण करा चुके मरीजों का इस महामारी से अधिक बचाव होता है.

टीका लगवा चुके लोगों का जीवन जहां सामान्य होता महसूस हो रहा है वहीं ऐसे लाखों लोग हैं जो प्रतिरोधक क्षमता को कम करने वाली दवाएं लेते हैं. इनमे से कुछ लोग अंग प्रतिरोपण के कारण, कुछ कैंसर या अन्य विकारों के कारण ऐसी दवाएं लेने को मजबूर हैं और उनके लिए यह अनिश्चय की स्थिति बनी रहती है कि वे वास्तव में कितने सुरक्षित हैं क्योंकि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता को टीकों के जरिए मजबूत बनाना आसान नहीं है.

यह अनुसंधान छोटे स्तर पर किया गया जिसमें अंग प्रतिरोपण के केवल 30 मरीजों को शामिल किया गया. लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिहाज से टीके की अतिरिक्त खुराक के प्रभाव को समझने के लिए यह एक महत्वपूर्ण शोध है.

‘एनाल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन’ में प्रकाशित अनुसंधान में जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि 30 में से 24 मरीजों में टीके की दोनों खुराक के बावजूद कोई प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हुई थी लेकिन इनमें से आठ मरीजों को अतिरिक्त खुराक देने से उनमें वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडी पैदा हुई. वहीं छह मरीज ऐसे थे जिनमें टीके की दो खुराक के बाद न्यूनतम एंटीबॉडी विकसित हुई थी, लेकिन जब उन्हें कोविड रोधी टीके की तीसरी खुराक दी गई तो उनकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत बढ़ गई.


यह भी पढ़ें : बंगाल में कोविड के चलते 30 जून तक बढ़ीं पाबंदियां, खुल सकेंगे मॉल, बाजार,रेस्त्रां और बार


हॉपकिन्स में प्रतिरोपण सर्जन डॉ. डोरी सेगेव ने इस अनुसंधान का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा, ‘यह बहुत उत्साहजनक है. दो खुराक लेने के बाद भी एंटीबॉडी विकसित नहीं हुई तो इसका मतलब यह नहीं है कि अब कोई उम्मीद ही नहीं बची.’

अब अनुसंधानकर्ताओं का दल राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के साथ मिलकर काम कर रहा है और इसमें अंग प्रतिरोपण करवा चुके 200 लोगों में टीकाकरण की तीसरी खुराक के असर आदि की गहन जांच की जाएगी. अंग प्रतिरोपण करवा चुके लोगों को प्रतिरोधक क्षमता को दबाने वाली शक्तिशाली दवाएं दी जाती हैं ताकि उनका शरीर नए अंग को अस्वीकार न कर दे. लेकिन इन्हीं दवाओं के कारण उनके कोरोना वायरस संक्रमण या अन्य प्रकार के संक्रमण की चपेट में आने का खतरा भी अधिक होता है.

सेगेव ने बताया कि फ्रांस ने ऐसे लोगों को कोविड रोधी टीके की तीसरी खुराक देने की अनुशंसा की है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक कम है. इनमें अंग प्रतिरोपण करवाने वाले लोग भी शामिल हैं. लेकिन अमेरिका ने कोविड टीके की अतिरिक्त खुराक को अभी अधिकृत नहीं किया है.

share & View comments