चक्रवात की चेतावनियों की अनदेखी और हवा निकली हुई लाइफ राफ्ट की वजह से 49 लोगों की पश्चिमी तट पर मौत हो गई. ओएनजीसी, एक महारत्न और भारत की शीर्ष ऊर्जा कंपनी, असंवेदशीलता और अनदेखी की दोषी प्रतीत होती है. इसके अलावा यह नेशनल शिपिंग रेग्युलेटर की अक्षमता को भी दिखाती है. इस मामले की तेजी से जांच की जरूरत है और जो भी जिम्मेदार है उसके खिलाफ आपराधिक चार्ज लगना चाहिए.