नयी दिल्ली : दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 8,506 नए मामले सामने आए, जो पिछले एक महीने में सबसे कम संख्या है और चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान मामलों में आई गिरावट का मुख्य कारण लॉकडाउन लागू करना है.
दिल्ली के मुख्य सरकारी एवं निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमितों के मामलों में गिरावट आई है, लेकिन नए मामलों की संख्या को पिछले कुछ महीनों की तरह 2,000 की संख्या तक लाने में अब भी ‘लंबी दूरी तय करनी’ है.
राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) के चिकित्सा निदेशक बी एल शेरवाल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि दैनिक मामलों के 28,000 से गिरकर 8,500 पहुंचने का सबसे बड़ा कारण लॉकडाउन है, लेकिन अब भी नए मामलों की संख्या बहुत अधिक है और हालात गंभीर हैं.’
उन्होंने बताया कि आरजीएसएसएच में 650 बिस्तर की उपलब्धता है, जिनमें से 500 बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए हैं और 350 इस समय घिरे हुए हैं, जिनमें से अधिकतर मरीज आईसीयू पर हैं.
शेरवाल ने टीकाकरण को भी मामलों में आई कमी का कारण बताया है.
दिल्ली स्थित फोर्टिस अस्पताल में चिकित्सक डॉ. रिचा सरीन ने भी कहा कि हालात में अपेक्षाकृत सुधार का कारण लॉकडाउन लागू किया जाना है.
उन्होंने कहा कि यदि लॉकडाउन अप्रैल में एक सप्ताह पहले लागू कर दिया गया होता, तो हालात इतने खराब नहीं होते, लेकिन यह हर सरकार के लिए कठिन फैसला होता है.
सरीन ने कहा, ‘इसके अलावा लोगों की बड़ी संख्या संक्रमित हो गई है, इसलिए उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई है, जिसके कारण संक्रमण की श्रृंखला रोकने में मदद मिली.’