कोरोनावायरस को भी जीने का अधिकार है, वैक्सीन की कमी पर खुद को फांसी पर लटका लें, या फिर वैक्सीन के मामलों पर राज्यों को रिअलिस्टिक होना चाहिए, जैसे अपने ज्ञान के मोती से भाजपा के नेता और मंत्रीगण हमें बख्श दें. पछतावा होना एक बात है लेकिन पीड़ा और मौत के इस दौर में ऐसी ओछी बातें बोलना निर्लज्जता है.
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