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Wednesday, 6 November, 2024
होमहेल्थकोविड संकट में IAS अधिकारी की नई पहल, प्लाज़्मा डोनेशन के लिए लॉन्च किया ऑनलाइन पोर्टल

कोविड संकट में IAS अधिकारी की नई पहल, प्लाज़्मा डोनेशन के लिए लॉन्च किया ऑनलाइन पोर्टल

अभिषेक सिंह की यह एक व्यक्तिगत पहल है, लेकिन उनके पास आईआईटी और आईआईएम स्नातकों की एक स्वयंसेवी टीम है जो वेबसाइट और डोनर्स के डेटा को संभाल रही है.

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नई दिल्लीः आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह ने प्लाज्मा डोनेट करने की प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए एक नया ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है.

एक सप्ताह पहले बनाये ‘यूनाइटेड बाई ब्लड’ नामक पोर्टल को प्लाज्मा डोनेट करने वालों और पाने वालों के बीच आसानी से संपर्क स्थापित करने के उद्देश्य से बनाया गया है.

33 वर्षीय अभिषेक सिंह, जो दिल्ली में उपायुक्त हैं, ने दिप्रिंट को बताया ‘इस पहल के पीछे का विचार सूचना की विसंगति को कम करना है. ऐसे बहुत से लोग हैं जो वास्तव में मदद करना चाहते हैं, लेकिन वे ज़रूरतमंद लोगों से जुड़ नहीं पाते. इस वेबसाइट की विशेषता यह है कि ये समय और स्थान के आधार पर प्लाज्मा देने के इच्छुक लोगों को अलग करती है, जिसके माध्यम से लोग अपने क्षेत्र के आसपास प्लाज्मा डोनर्स को पा सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘हम पहले फ़ोन नंबर को डिस्प्ले नहीं करते हैं, इसलिए लोग पहले अपनी ज़रूरत के मुताबिक एक-दूसरे से जुड़ते हैं और यदि ज़रुरत हो तो वो अपना फ़ोन नंबर आगे शेयर कर सकते हैं.’

वेबसाइट पर कोई भी प्लाज़्मा डोनर या रिसीवर के रूप में रजिस्ट्रेशन कर सकता है. डोनर्स को अपने संपर्क की जानकारी, स्थान, ब्लड ग्रुप शेयर करना होगा और उन्हें इन्हीं आधारों पर उन्हें फ़िल्टर किया जाएगा.

वर्तमान में, लगभग 500 डोनर और 700 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है, जिन्हें प्लाज्मा की आवश्यकता है. प्लाज्मा मानव रक्त का एक घटक है जो एंटीबॉडीज़ को वहन करता है, और कोविड से ठीक होने के एक महीने बाद और हर 15 दिनों के अंतराल में डोनेट किया जा सकता है.

हालांकि, कई सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कई अध्ययनों के बाद से सरकार से प्लाज्मा थेरेपी पर अपने दिशा निर्देशों को बदलने का आह्वान किया है जिसमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित रिकवरी परीक्षण भी शामिल है, जिसमें पाया गया कि कोविड उपचार में प्लाज्मा के उपयोग का कोई लाभ नहीं मिला.


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विभिन्न उपक्रमों द्वारा समर्थित पहल

भले ही ‘यूनाइटेड बाई ब्लड’ अभिषेक सिंह की एक व्यक्तिगत पहल है, लेकिन उनके पास आईआईटी और आईआईएम स्नातकों की एक स्वयंसेवी टीम है जो वेबसाइट और डोनर्स के डेटा को संभाल रही है.

ये युवा आईएएस अधिकारी द्वारा शुरू की गई एक अन्य पहल – ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म सिग्मा या स्टूडेंट्स फ़ॉर इन्वॉल्व्ड गवर्नेंस एंड म्यूचुअल एक्शन – का हिस्सा हैं. इस मंच के माध्यम से IIT, IIM के छात्रों और अन्य लोगों के साथ सरकार की नीतियों को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए कार्य किया जाता है.

सिंह के अनुसार, प्लाज्मा डोनेशन पोर्टल को विभिन्न उद्यमशीलता उपक्रमों द्वारा भी समर्थन दिया जा रहा है.

‘ईज़ माई ट्रिप’, एक ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी, हर उस व्यक्ति को 500 रुपये का नकद वाउचर दे रही है, जो डोनर के रूप में पंजीकरण कर रहा है. उन्होंने कहा कि ऊबर के साथ बातचीत चल रही है जो प्लाज़्मा डोनेशन के लिए जाने के वाले डोनर्स को फ्री राइड देगी.

इसी पहल के तहत, 2011 बैच के आईएएस अधिकारी ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति के लिए ‘ऑक्सीटैक्सी’ नाम की एक और परियोजना शुरू करने की योजना बना रहे हैं. परियोजना के तहत, एक स्वयंसेवी टीम हर दिन जरूरतमंद लोगों तक 100 ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाएगी.

सिंह ‘वर्ल्ड ऑफ वर्दी’ के संस्थापक भी हैं, जो नागरिकों को देश की सशस्त्र सेनाओं के करीब लाने का एक प्रयास करती है. इस पहल के तहत, उन्होंने इंटीरियर डिजाइनर सुजैन खान के साथ मिलकर पिछले साल मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन को नया रूप देने की पहल की.

आईएएस अधिकारी, जो एक गायक और अभिनेता भी हैं, ने पिछले साल गायक बी प्राक द्वारा वायरल गीत ‘दिल तोड़ के’ के लिए एक संगीत वीडियो में अपनी स्क्रीन डेब्यू के बाद सुर्खियां बटोरी थीं. सिंह एमी विजेता नेटफ्लिक्स श्रृंखला दिल्ली क्राइम के सीजन 2 में एक आईएएस अधिकारी की भूमिका भी निभाएंगे.


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