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Friday, 22 November, 2024
होमदेशजब गंगा में नजर आया ‘नर्क’ जैसा नजारा- 71 शवों को तैरते देखकर बिहार का गांव सदमे में

जब गंगा में नजर आया ‘नर्क’ जैसा नजारा- 71 शवों को तैरते देखकर बिहार का गांव सदमे में

बिहार का चौसा बॉर्डर यूपी के गाजीपुर जिले से लगा हुआ है और राज्य सरकार और बक्सर जिला प्रशासन का भी मानना है कि शव पड़ोसी राज्यों से नीचे की तरफ बहकर यहां आते हैं.

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चौसा (बिहार): उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की सीमा से लगे बिहार के बक्सर जिले के चौसा क्षेत्र के निवासियों के लिए गंगा नदी में तैरती लाशें देखना कोई नई बात नहीं है. महादेव घाट पर नदी की धारा कुछ इस तरह मुड़ी है कि कभी-कभार पश्चिम-पूर्व दिशा में हवाएं चलने पर कुछ शव धारा के बहाव के साथ यहां आ जाते हैं.

बक्सर जिला प्रशासन के अनुसार, लेकिन अभी का नजारा एकदम अकल्पनीय है, महादेव घाट पर बहकर आई 71 लाशों को डीएनए जांच के लिए नमूने लेने के बाद दफना दिया गया है.

पड़ोसी गांव मिसरोलिया के एक मछुआरे सीताराम चौधरी ने कहा कि इस दृश्य ने पूरे क्षेत्र के लोगों को सिर से पांव तक दहलाकर रख दिया है.

चौधरी ने कहा, ‘हम हर साल शव देखते हैं. कुछ तैरते रहते हैं कुछ बहकर चले जाते हैं, लेकिन इस साल तो नजारा नर्क से भी बदतर नजर आ रहा है.’

महादेव घाट पर अंतिम संस्कार कराने वाले पंडित दीनदयाल पांडे ने कहा कि उन्होंने ‘50 से अधिक’ शवों को देखा है. उन्होंने कहा, ‘यह दृश्य एकदम दहला देने वाला था, ज्यादातर लाशें सड़ी हुई थीं, जिससे आ रही बदबू के कारण घाट पर खड़े होना मुश्किल हो गया था.’

पांडे ने समझाया कि हिंदू धर्म की सबसे आम धारा सनातन धर्म में मृतकों को विसर्जित किया जाता है. उन्होंने कहा, ‘हमें मृतक का अंतिम संस्कार करते हैं फिर अवशेष पानी में बहा देते हैं. लेकिन अगर हमारे पास लकड़ी नहीं है, तो हम सीधे शव को विसर्जित कर सकते हैं. तीसरा विकल्प मृतकों को दफनाने का है.’

1988 में सुप्रीम कोर्ट ने गंगा में लाशों को बहाने पर गैरकानूनी करार दे दिया था, लेकिन जिन राज्यों में नदी बहती है, उनके कई हिस्सों में यह प्रथा अब भी जारी है.

‘शव यूपी से आए’

पुलिस अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि चौसा में दफना दिए गए 71 शवों में से किसी की भी अभी पहचान नहीं हो पाई है.


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बक्सर के जिलाधिकारी अमन समीर ने इस बात से इंकार किया है कि लाशें उनके सीमा क्षेत्र की हैं, उनके मुताबिक वे यूपी के गाजीपुर जिले से नीचे की तरफ बहकर यहां पहुंची हैं. हालांकि, यूपी के इस जिले में समीर के समकक्ष अधिकारी ने उनके इस दावे का खंडन किया है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी और राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने भी कहा कि शव यूपी से ही आए हैं.

उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘बिहार सरकार बक्सर जिले के चौसा गांव के पास गंगा नदी में तैरते मिले शवों के दुर्भाग्यपूर्ण मामले को देख रही हैं. ये शव यूपी से बहकर बिहार आए हैं. हमारे डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम के बाद पुष्टि की है कि ये शव 4-5 दिनों से ज्यादा पुराने हैं.’

उन्होंने बताया, ‘कोविड प्रोटोकॉल के तहत 71 शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. यूपी और बिहार की सीमा पर पड़ने वाले रानीघाट में नदी पर जाल लगा दिया गया है. हमने यूपी प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है; हमारा जिला प्रशासन भी सतर्कता बरत रहा है. हमने सभी को सलाह दी है कि मृतकों के साथ मां गंगा का भी सम्मान करें.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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