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Friday, 20 December, 2024
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने Covid-19 मामलों की गंभीरता पिछले साल के समान बताई, एक्टिव केस दोगुना ज्यादा

पिछले साल औसत सबसे ज्यादा मामले 94,000 प्रतिदिन के पास दर्ज़ किए गए थे. इस बार पिछले 24 घंटों में 2,95,000 मामले दर्ज़ किए गए हैं.

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नई दिल्ली : देश में कोरोनावायरस दूसरी लहर अधिक नुकसानदेह है इस चिंता के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने तुलनात्मक आंकड़े जारी किए हैं. हांलांकि सरकार ने मामलोंं के पिछले साल के समान दिखाने की कोशिश की है लेकिन यह दो गुना ज्यादा हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को एक तुलनात्मक आंकड़ा जारी दर्शाया है कि कोविड-19 की मौजूदा दूसरी लहर में पीड़ितों की जनसांख्यिकी व गंभीरता पहली लहर के लगभग समान बताया है.

हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में सक्रिय मामलों की संख्या 21,57,000 है. यह संख्या पिछले साल के हमारे अधिकतम संख्या के दो गुणा है. रिकवरी दर 85% है. मृत्यु दर 1.17% है.

पिछले साल औसत सबसे ज्यादा मामले 94,000 प्रतिदिन के पास दर्ज़ किए गए थे. इस बार पिछले 24 घंटों में 2,95,000 मामले दर्ज़ किए गए हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 146 जिलों में कोविड-19 की सकारात्मकता दर 15 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गयी है जबकि 274 जिलों में यह दर पांच से 15 प्रतिशत के बीच रही है.

नए आंकड़े देशभर में फैली इस चिंता के बीच जारी किए गए हैं कि दूसरी लहर अधिक नुकसान पहुंचाने वाली है और इसमें अधिक तबाही हो सकती है.

भूषण द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार पहली लहर में 10 साल से कम उम्र के बच्चों में 4.03 फीसदी मामले सामने आए जबकि दूसरी लहर में यह प्रतिशत 2.97 रहा है.

उन्होंने कहा, ‘पहली लहर में 10-20 साल के आयु वर्ग में कोरोनावायरस के 8.07 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए जबकि दूसरी लहर में यह दर 8.50 प्रतिशत दर्ज की गयी. पहली लहर में 20-30 साल के आयु वर्ग में 20.41 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे जबकि दूसरी लहर में 19.35 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.’

आंकड़ों के अनुसार पहली लहर में 30 साल और उससे अधिक आयु वर्ग में 67.5 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए जबकि दूसरी लहर में यह दर 69.18 प्रतिशत रही.

उन्होंने बताया कि देश में 13 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी हैं. पिछले 24 घंटों में लगभग 30 लाख वैक्सीन डोज़ दी गई हैं. देश में लगभग 87% स्वास्थ्यकर्मियों को उनकी पहली डोज़ दी जा चुकी है. देश में 79% फ्रंट लाइन वर्कर्स को पहली डोज़ मिल चुकी है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने कहा राज्य सरकार या प्राइवेट अस्पतालों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले वैक्सीनेशन में 18 वर्ष से ज्यादा आयु के सभी लोग वैक्सीनेशन करा सकेंगे.

राजेश भूषण के मुताबिक भारत सरकार द्वारा आपूर्ति किए गए वैक्सीन के आधार पर संचालित वैक्सीनेशन सेंटर नि:शुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराएंगे. इन केंद्रों में आयु की सीमा 45 साल रहेगी. इसमें स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स भी शामिल होंगे.

उन्होंने बताया कि वैक्सीन निर्माता अपने 50% डोज़ भारत सरकार को उपलब्ध कराएंगे. बाकी 50% डोज़ भारत सरकार के अलावा अन्य चैनलों में उपलब्ध करा सकेंगे.

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