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Thursday, 14 November, 2024
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सफलता की कहानियां, कोविड सेवा–मोदी सरकार दूसरे कार्यकाल की दूसरी वर्षगांठ पर गिनाएगी उपलब्धियां

सरकारी अधिकारियों और बीजेपी नेताओं का कहना है, कि कोविड की दूसरी लहर के चलते, मोदी के दूसरे कार्यकाल के दो वर्षों का जश्न हल्का रहेगा और डिजिटल होगा.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने, अगले महीने अपने दूसरे कार्यकाल की, दूसरी वर्षगांठ मनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं, हालांकि कोरोनावायरस वायरस के मामलों में अचानक उछाल आने की वजह से, जश्न के हल्का रहने की संभावना है.

वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा, कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंत्रालयों तथा विभागों से, पिछले दो वर्षों की अपनी सफलता की कहानियां साझा करने को कहा है, जिन्हें 30 मई 2019 को बीजेपी के दूसरी बार, पूर्ण बहुमत से सत्ता वापसी के बाद, सरकार की उपलब्धियों के तौर पर, प्रचारित किया जा सके.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने, नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘अन्य उपायों के अलावा इसमें (प्रचार अभियान), बजट में की गईं महत्वपूर्ण घोषणाओं, कृषि क़ानूनों, तथा आत्म-निर्भरता को दिए जा रहे बढ़ावे को, शामिल किया जा सकता है’.

बीजेपी सूत्रों ने भी इस बात पर बल दिया, कि ये जश्न बहुत हल्का रहेगा, जिसका ज़ोर महामारी के दौरान मुहैया कराई गई सेवा (‘कोविड सेवा’), और देशभर में चलाए जा रहे, टीकाकरण अभियान की ‘सफलता की कहानी’ पर रहेगा. सूत्रों ने कहा कि ज़्यादा संभावना यही है, कि ये सारा प्रचार डिजिटल रहेगा.

दिप्रिंट ने ख़बर दी थी कि पिछले साल मई में भी, दूसरी मोदी सरकार ने वर्षगांठ का जश्न हल्का रखा था, चूंकि देश कोविड-प्रेरित लॉकडाउन में था. पहले कार्यकाल में, बीजेपी तथा सरकार ने वर्षगांठ के ऐसे मौक़ों पर, बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान चलाए थे.

दिप्रिंट ने दूसरी वर्षगांठ के जश्न पर टिप्पणी लेने के लिए, ईमेल के ज़रिए पीएमओ के प्रवक्ता से संपर्क किया, लेकिन इस ख़बर के छपने तक, कोई जवाब हासिल नहीं हुआ था.


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मंत्रालयों की उपलब्धियां

ऊपर हवाला दिए गए अधिकारी ने कहा, कि एक उपलब्धि जिसे जश्न के दौरान उजागर किए जाने की संभावना है, वो है फिज़ूल के ख़र्चों को 30 प्रतिशत तक कम करने के लिए, मंत्रालयों द्वारा उठाए गए क़दम. मंत्रालयों के सामने लक्ष्य था, कि भोजन तथा कॉनफ्रेंसेज़ आदि पर होने वाले व्यर्थ के ख़र्चों में, 20 प्रतिशत की कमी करें, लेकिन बाद में ये प्रतिशत बढ़ा दिया गया.

मंत्रालय फिलहाल ये सूची तैयार कर रहे हैं.

अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘आंकड़ों तथा अन्य विवरणों से, उठाए गए क़दमों की पुष्टि होनी चाहिए. ऐसे उपायों की भी विस्तृत जानकारी दी जानी है, जिनपर भविष्य में अमल किया जाना है’.

कई मंत्रालय ऐसे बहुत से ‘मिनी बजट्स’ के कार्यान्वयन पर भी नज़र रखे हुए हैं, जो पिछले साल घोषित किए गए थे.

2020 में, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कई राहत पैकेज घोषित किए थे, जैसे 1,92,800 करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना, तथा आत्म-निर्भर भारत अभियान के तीन अलग अलग पैकेज, जो क्रमश: 11,02,650 करोड़, 73,000 करोड़, और 2,65,080 के थे. भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी कई योजनाओं का ऐलान किया, जो कुल 12.71 लाख करोड़ रुपए मूल्य की थीं.

एक दूसरे वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, कि मंत्रालय एक और सूची पर भी काम कर रहे हैं, जिसमें ये ब्योरा दिया गया है कि बीजेपी ने, 2014 तथा 2019 में जो वादे किए थे, उनमें से कितने पूरे किए गए हैं, और कितने मई 2021 तक पूरे किए जा सकते हैं.

दूसरे अधिकारी ने आगे कहा, कि अन्य उपायों के अलावा, इसमें अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में, धारा 370 को हटाया जाना भी शामिल है.

अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय पिछले दो वर्षों में घोषित, नियमों और नीतियों का प्रारूप तैयार करने में हुई, प्रगति का ब्योरा भी तैयार कर रहे हैं.

सूत्रों ने कहा कि प्रचार के लिए पर्याप्त सामग्री जुटाने के अलावा, विभिन्न मंत्रालयों में की जा रही क़वायद से, उस प्रगति की आवधिक समीक्षा में भी सहायता मिलेगी, जो पीएमओ विभिन्न परियोजनाओं तथा स्कीमों को लेकर, समय समय पर करता है.

‘फिर से कोविड सेवा’

इस बीच बीजेपी अपने इस हल्के जश्न को, ‘सेवा’ की थीम के इर्द गिर्द रखने जा रही है, चूंकि उसकी निगाह कोविड-19 के तेज़ी से बढ़ते मामलों पर है.

सूत्रों ने कहा कि बड़े पैमाने पर कोई ‘शानदार’ जश्न अब विकल्प नहीं है, और पश्चिम बंगाल में चल रहे चुनाव प्रचार के, दो सप्ताह में ख़त्म हो जाने के साथ ही, पार्टी कार्यकर्त्ताओं को पिछले साल की तरह, प्रकोप को क़ाबू करने के काम में लगा दिया जाएगा. ‘सेवा’ के तहत कोविड मरीज़ों की, अस्पतालों में भर्ती को सुविधाजनक बनाने, तथा अतिरिक्त बिस्तर, ऑक्सीजन, दवाओं, तथा जल्दी टीकाकरण आदि को, सुगम बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.

एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते थे, दिप्रिंट से कहा: ‘फिलहाल, पूरा संगठन बंगाल चुनावों में जुटा हुआ है, लेकिन जैसे ही प्रचार ख़त्म होगा, हमारा फोकस महामारी प्रबंधन पर शिफ्ट हो जाएगा’.

उन्होंने आगे कहा: ‘वर्षगांठ के जश्न की थीम ‘सेवा दिवस’ होगी, चूंकि न सिर्फ बीजेपी-शासित राज्यों, बल्कि पूरे देश में कोविड मामले बढ़ रहे हैं, और दूसरे प्रकोप तथा कर्फ्यू की वजह से, सरकार अपनी दूसरी वर्षगांठ के जश्न को, भव्य तरीक़े से मनाने का जोखिम नहीं ले सकती’.

बीजेपी नेता इस बात पर ज़ोर दिया कि ये एक डिजिटल प्रचार होगा.

एक दूसरे बीजेपी नेता ने कहा कि इस नए प्रकोप ने, सरकार और पार्टी के आउटरीच के नैरेटिव को सीमित कर दिया है, क्योंकि अन्य देशों के महामारी की पहली लहर को संभाल पाने के रिकॉर्ड की अपेक्षा, भारत में वैक्सीन्स का विकास, और टीकाकरण प्रक्रिया की शुरूआत, एक बड़ी कामयाबी थी. उन्होंने कहा कि दूसरी लहर ने सरकार के प्रयासों पर पानी फेरदिया है.

दूसरे नेता ने कहा, ‘बंगाल में चुनाव अभियान के कारण, जन भावनाएं हमारे अनुकूल नहीं हैं; हम ऐसे समय जश्न मनाकर लोगों को नाराज़ करने का जोखिम नहीं उठा सकते, जब वो अस्पतालों में बिस्तर के लिए लंबी क़तारों में हों. लेकिन, हमें उम्मीद है कि दो-तीन सप्ताह में स्थिति क़ाबू में आ जाएगी, इसलिए हमारा जश्न ज़िम्मेदारी के साथ मनाया जाएगा, और भरोसा जगाने के उपाय किए जाएंगे, तथा लोगों को आश्वस्त किया जाएगा, कि उनकी सहायता के लिए सरकार, इनफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ा रही है’.

उन्होंने आगे कहा, ‘इसलिए, प्रचार में कोविड सेवा और देश में टीकाकरण अभियान की शुरूआत, पर ही ज़ोर दिया जाएगा’.

दूसरे नेता ने इस ओर ध्यान आकर्षित कराया, कि अपने मासिक मन की बात कार्यक्रम के पिछले कुछ संस्करणों में, पीएम मोदी ने जल्दी टीकाकरण पर ज़ोर दिया है, और लोगों को इसकी ओर प्रेरित करने के लिए, टीका उत्सव एक ऐसी ही शुरूआत थी.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, ‘मई के पहले सप्ताह में, ऐसे और बहुत से कार्यक्रम सामने आएंगे, जिनका मक़सद टीकाकरण के प्रति लोगों में विश्वास पैदा करना, और राज्यों में कोविड इनफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना होगा. इन प्रयासों से ये संदेश दिया जाएगा, कि सरकार ज़िम्मेवार है और आने वाले दिनों में, महामारी की दूसरी लहर को हराने के लिए, युद्ध-स्तर पर काम कर रही है’.


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