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Thursday, 21 November, 2024
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छत्तीसगढ़ के बीजापुर में अगवा किए गए जवान को नक्सलियों ने किया रिहा, परिवार ने जताई खुशी

3 अप्रैल को नक्सिलियों ने सुरक्षा बलों को घेरकर हमला किया था, जिसमें 22 जवान मारे गए थे और 31 घायल हुए थे. नक्सलियों ने इस दौरान कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह का अपहरण कर लिया था.

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नई दिल्ली/छत्तीसगढ़ : 3 अप्रैल को बीजापुर हमले के दौरान नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को बृहस्पतिवार को नक्सलियों ने रिहा कर दिया. पुलिस सूत्र ने यह जानकारी दी.

बीजापुर के एसपी ने कोबरा जवान राकेश्वर सिंह की वापसी पर कहा कि हम उन्हें सुरक्षित वापस ले आए. उनका यहां चिकित्सक मेडिकल परीक्षण करेंगे.

वहीं कोबरा जवान को छोड़े जाने से उनके परिवार में खुशी का माहौल है.

राकेश्वर सिंह मन्हास की मां कुंती देवी ने कहा कि हम बहुत ज्यादा खुश हैं. जो हमारे बेटे को छोड़ रहे हैं उनका भी धन्यवाद करती हूं. भगवान का भी धन्यवाद करती हूं. जब सरकार की बात हो रही थी तो मुझे थोड़ा भरोसा तो था परन्तु विश्वास नहीं हो रहा था.

उनकी पत्नी मीनू मन्हास ने बताया, ‘मैं भगवान का, केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार का, मीडिया और सेना का धन्यवाद करती हूं. आज मेरी जिन्दगी में सबसे खुशी का दिन है.’

छत्तीसगढ़ में अपहृत जवान की रिहाई की कोशिश हुई थीं तेज

वहीं इससे पहले छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने बताया था कि अपहृत जवान की रिहाई के प्रयास किए जा रहे हैं. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उम्मीद जताई थी कि जवान को जल्द ही रिहा करा लिया जाएगा.

राज्य के धुर नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में शनिवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के 22 जवानों की मृत्यु हो गई थी, तथा 31 अन्य जवान घायल हुए थे . घटना के बाद से सीआरपीएफ 210 कोबरा बटालियन का जवान राकेश्वर सिंह मन्हास लापता थे.

लापता जवान की तलाश के दौरान मंगलवार को माओवादियों ने एक कथित बयान जारी कर जवान राकेश्वर के अपने कब्जे में होने की जानकारी दी थी तथा कहा था कि राज्य सरकार जवान को रिहा कराने के लिए मध्यस्थों के नामों की घोषणा करे.

बयान में माओवादियों ने कहा था कि तब तक जवान को वह अपने कब्जे में रखेंगे. माओवादियों ने इसके अलावा कोई अन्य मांग नहीं की है.

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने अभी तक मध्यस्थों के नामों की घोषणा नहीं की है.

राज्य के सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान में शुक्रवार को सुरक्षा बलों को रवाना किया गया था. इस अभियान में जवान राकेश्वर सिंह भी शामिल थे. शनिवार को टेकलगुड़ा और जोनागुड़ा गांव के करीब सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गयी थी . इसके बाद से ही आरक्षक राकेश्वर सिंह लापता थे.

राज्य में इस बड़े नक्सली हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को छत्तीसगढ़ का दौरा किया था. इस दौरान शाह ने बस्तर में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी तथा जवानों से मुलाकात की थी. उन्होंने रायपुर के अस्पतालों में भर्ती घायल जवानों से भी मुलाकात की थी.

(एएनआई और भाषा के इनपुट्स के साथ)

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