नई दिल्ली : देश में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 1,15,736 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,28,01,785 हो गई है. 630 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,66,177 हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य
देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 8,43,473 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,17,92,135 है.
India reports 1,15,736 new #COVID19 cases, 59,856 discharges, and 630 deaths in the last 24 hours, as per the Union Health Ministry
Total cases: 1,28,01,785
Total recoveries: 1,17,92,135
Active cases: 8,43,473
Death toll: 1,66,177Total vaccination: 8,70,77,474 pic.twitter.com/ugUgrvvy67
— ANI (@ANI) April 7, 2021
वहीं देश में कुल 8,70,77,474 लोगों को कोरोनावायरस की वैक्सीन लगाई गई है.
कोविड-19 तेज गति से फैल रहा है, अगले चार हफ्ते अहम: केन्द्र सरकार
वहीं केन्द्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि महामारी की तीव्रता बढ़ने के कारण पिछले वर्ष के मुकाबले कोविड-19 बहुत तेज गति से फैल रहा है तथा इसे देखते हुए अगले चार सप्ताह बेहद अहम रहने वाले हैं. सरकार ने संक्रमण की दूसरी लहर को काबू में करने के लिए जनभागीदारी पर जोर दिया.
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मामले तेजी से बढ़ने से देश में महामारी के हालत और खराब हुए हैं.
उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ने के हथियार वहीं हैं. कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन करना, निरुद्ध क्षेत्रों की पहचान, जांच आदि को और प्रभावी तरीके से लागू किया जाना चाहिए, चिकित्सा ढांचे में सुधार और टीकाकरण अभियान तेजी से चलाए जाने की जरूरत है.
पॉल ने कहा, ‘महामारी की तीव्रता बढ़ गई है और यह पिछली बार के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैल रही है. कुछ राज्यों में यह (हालात) अन्य के मुकाबले ज्यादा खराब है लेकिन बढ़ोतरी (मामलों में) देश भर में देखी जा सकती है.’
उन्होंने कहा, ‘दूसरी लहर को काबू में करने के लिए जनभागीदारी अहम है. अगले चार सप्ताह बेहद अहम रहने वाले हैं. पूरे देश को एकजुट हो कर महामारी से लड़ने के प्रयास करने होंगे.’
पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों के साथ ही मौत के मामले भी बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘इसके बावजूद जनसंख्या और प्रति दस लाख होने वाली मौतों को देखते हुए हम महामारी को नियंत्रण में करने के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं.’
सरकार लगातार यह कह रही है कि जांच, संपर्क का पता लगाने में कमी तथा संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन नहीं करना और भीड़-भाड़ होने जैसे कारणों से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं.
देश में महामारी के हालत पर विस्तार से चर्चा करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि छत्तीसगढ़ का दुर्ग जिला उपचाराधीन मामलों में शीर्ष दस जिलों में शामिल है, वहीं सात जिले महाराष्ट्र में और एक कर्नाटक में है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली को एक जिला माना गया है और वह भी इस सूची में शामिल है.
उन्होंने कहा कि जिन दस जिलों में सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं वे हैं पुणे, मुंबई, ठाणे, नागपुर, नासिक, बेंगलुरु शहर, औरंगाबाद, अहमदनगर, दिल्ली और दुर्ग.
सचिव के अनुसार महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ अभी भी चिंता वाले राज्य बने हुए हैं.
महाराष्ट्र के मामले में यह संक्रमण के कुल मामलों और संक्रमण से हुई मौतों के कुल मामलों की संख्या को देखते हुए है, वहीं देश भर में संक्रमण से हुई कुल मौत में पंजाब और छत्तीसगढ़ के मरीजों की संख्या को देखते हुए यह चिंताजनक है.
भूषण ने बताया कि केन्द्र ने 50 उच्चस्तरीय जन स्वास्थ्य टीमें गठित की हैं और उन्हें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब में ज्यादा मामले सामने आने वाले और संक्रमण से ज्यादा मौतों वाले जिलों में तैनात किया गया है.
इन टीमों को महाराष्ट्र के 30 जिलों, छत्तीसगढ़ के 11 जिलों और पंजाब के नौ जिलों में तैनात किया जा रहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पांच अप्रैल को संक्रमण रोधी टीके की 43 लाख से ज्यादा खुराकें दी गईं, जो एक दिन में अबतक की सबसे बढ़ी संख्या है. इन्हें मिला कर देश में अब तक 8,31,10,926 खुराकें दी जा चुकी हैं.
भूषण ने कहा कि इस संदर्भ में भारत में हालात काफी बेहतर है. टीकाकरण अभियान के मामले में भारत सबसे तेज चल रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत में प्रति दस लाख लोगों में संक्रमण के मामले अब भी सबसे कम हैं. भारत में प्रति दस लाख लोगों में संक्रमण के मामले 9,192 हैं, वहीं अमेरिका में यह 91,757, फ्रांस में 71,718 और ब्रिटेन में 64,216 है.
वैश्विक आधार पर प्रति 10 लाख जनसंख्या पर संक्रमण के 16,783 मामले हैं.
कोविड-19 पुन:संक्रमण के मामलों के बारे में आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, ‘हमने भारत में फिर से संक्रमण के मामलों के आंकड़ों का अध्ययन किया है. विश्व स्तर पर, फिर से संक्रमण के मामले लगभग 1 प्रतिशत हैं.’
बाद में रात में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि केंद्र ने कहा है कि कुंभ मेला एक संक्रमण फैलाने वाला एक बड़ा आयोजन बन गया है. मंत्रालय ने इसे ‘गलत और फर्जी’ करार दिया.
केंद्र ने पहले से ही एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है जिसका पालन कुंभ मेले में किया जाना है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)