चेन्नई: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके ने मतदाताओं को ‘नकद राशि बांटने’ का आरोप लगाते हुए डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और उनकी पार्टी के चार प्रत्याशियों की उम्मीदवारी को ‘रद्द’ करने की मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से सोमवार को गुजारिश की.
तमिलनाडु के सीईओ सत्यब्रत साहू को दी याचिका में अन्नाद्रमुक की अधिवक्ता इकाई के संयुक्त सचिव आरएम बाबू मुरुगवल ने आरोप लगाया कि कोलथुर सीट से चुनाव लड़ रहे स्टालिन के सहयोगी मतदाताओं को ‘पांच हजार रुपये की रकम बांट’ रहे हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि महिला स्वयं सहायता समूहों को स्टालिन के पक्ष में वोट देने के लिए 10-10 हजार रुपये का ‘भुगतान’ किया गया है और मतदाताओं को मोबाइल भुगतान ऐप ‘जी-पे’ के जरिए पैसे दिए गए हैं.
अन्नाद्रमुक के पदाधिकारी ने आरोप लगाया है कि यह हैरान करने वाली बात है कि अन्नाद्रमुक और अन्य द्वारा बार-बार शिकायत करने के बाद भी अधिकारियों ने मतदाताओं को धन का वितरण रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया.
उन्होंने आरोप लगाया कि द्रमुक प्रत्याशी स्टालिन ‘भ्रष्ट’ आचरण में शामिल हैं, लिहाजा उन्हें चुनाव लड़ने से ‘अयोग्य’ ठहराया जाए.
मुरुगवल ने कहा,’चुनाव आयोग को संविधान के अनुच्छेद 324 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मिली शक्तियों के तहत एमके स्टालिन की उम्मीदवारी रद्द करनी चाहिए.’
उन्होंने द्रमुक के अन्य प्रत्याशियों उदयनिधि स्टालिन (चेपौक-त्रिपलीकेन), ईवी वेलू (तिरुवन्नामलाई), के एन नेहरू (तिरूचिरापल्ली पश्चिम) और दुरईमुरुगन (कटपडी) पर भी इसी तरह के आरोप लगाते हुए उन सभी की उम्मीदवारी ‘रद्द’ करने की मांग की.
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