गुवाहाटी: निर्वाचन आयोग ने असम के मंत्री हिमंत बिस्व सरमा को 48 घंटों के लिए विधानसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकते हुए उनके भाई और गोलपाड़ा के पुलिस अधीक्षक सुशांत बिस्व सरमा का भी जिले से तबादला कर दिया है.
आयोग से शुक्रवार को जारी एक आदेश में कहा गया कि सुशांत बिस्व सरमा का राज्य मुख्यालय में उचित पद पर तबादला किया जाता है और आईपीएस अधिकारी वीर वेंकेट राकेश रेड्डी तत्काल प्रभाव से गोलपाड़ा जिले के नए पुलिस अधीक्षक तैनात किए जाते हैं. इस जिले में छह अप्रैल को तीसरे और आखिरी चरण के तहत चुनाव होंगे.
ईसी के अवर सचिव लव कुश यादव ने इस आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. आदेश में कहा गया है कि इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट फौरन आयोग को भेजी जाए.
ईसी ने असम के वरिष्ठ मंत्री सरमा को बोडोलैंड फ्रंट के प्रमुख हगराम मोहिलारी के खिलाफ धमकाने वाली टिप्पणियां करने के आरोप में 48 घंटे के लिए प्रचार करने से शुक्रवार को रोक दिया.
आयोग ने उन्हें दो अप्रैल से 48 घंटों के लिए विधानसभा चुनाव में कोई जनसभा आयोजित करने, जुलूस, रैलियां, रोडशो निकालने, साक्षात्कार देने और मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) से बात करने से रोक दिया.
असम विधानसभा के तीसरे और अंतिम चरण के चुनाव के लिए प्रचार अभियान चार अप्रैल को शाम छह बजे समाप्त हो जाएगा.
ईसी के आदेश के बाद मंत्री ने ट्वीट किया, ‘मुझे निर्वाचन आयोग ने अगले 48 घंटों के लिए प्रचार रोकने को कहा है इसलिए कल होने वाली मेरी सभी बैठकें रद्द की जाती है.’
कांग्रेस ने 30 मार्च को ईसी से शिकायत की थी कि सरमा ने बीपीएफ प्रमुख को धमकी दी जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. बीपीएफ कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी है.
मंत्री ने उन्हें दिए कारण बताओ नोटिस पर शुक्रवार को जवाब दिया लेकिन आयोग को उनका जवाब संतोषजनक नहीं लगा.
एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने टि्वटर पर कहा, ‘धमकी देना, नफरत फैलाना, नेताओं को धमकाना, ईवीएम चुराना… ऐसा कुछ नहीं है जो भाजपा नहीं कर सकती.’ अजमल विधानसभा चुनावों में भाजपा के जुबानी हमलों के निशाने पर रहे हैं.
उन्होंने मोहिलारी के पक्ष में निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत किया.
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