चेन्नई: तमिलनाडु में मतदान 6 अप्रैल को होना है और मुख्य दावेदार एआईएडीएमके और डीएमके के बीच लड़ाई प्रचार रैलियों, ज्वलंत भाषणों और सड़कों पर होने के साथ- साथ सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के वॉर-रूम में भी लड़ी जा रही है.
एक दूसरे के प्रति घृणापूर्ण कैंपेन के बीच नीट, तमिल पहचान, धर्म और परिवारवाद के शासन को लेकर व्हाट्सएप मीम्स और यूट्यूब वीडियो काफी गर्मजोशी के साथ बनाए जा रहे हैं. यह तेजी से सोशल मीडिया हैशटैग की प्रतिस्पर्धा का भी खेल बनता जा रहा है .
डीएमके का मुख्य मुद्दा अन्नाद्रमुक और बीजेपी का साथ आना है. पिछले हफ्ते जारी रैप वीडियो में विपक्ष ने भाजपा के प्रभाव की ओर इशारा किया था. ‘प्यार हमारा धर्म है, हमें नौकरियों की जरूरत है, यहा न आपका धार्मिक भाला (वेल) यहां काम करेगा और न ही कमल खिलेगा.’ कैसे गीत का एक हिस्सा चला जाता है. भाजपा ने पिछले नवंबर में प्रदेश में वेल यात्रा निकाली थी.
अन्नाद्रमुक द्वारा जारी किए गए वीडियोज़ में डीएमके के वंशवाद या परिवाद पर हमला किया गया है. इस वीडियो में एक महिला को पार्टी का घोषणापत्र पढ़ते हुए और विपक्षी राजनेताओं को यह कहते हुए दिखाया गया है कि यदि ‘आप सत्ता में आते हैं तो सारा पैसा एक परिवार के पास जाएगा.’ ये वीडियोज़ यूट्यूब जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर भी विज्ञापन के रूप में भी दिखाई देते हैं.
यह भी पढ़ेंःAIADMK एक भी सीट जीतती है तो जीत भाजपा की होगी: DMK प्रमुख स्टालिन
नीट
तमिलनाडु में प्री-मेडिकल नेशनल एलिजिबिलिटी-कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) परीक्षा का मुद्दा इस चुनाव में फिर से उभर आया है जो कि काफी ज्वलंत है.
डीएमके ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें दलित लड़की एस अनिता की मौत को उजागर किया गया है, जिसने 2017 में नीट परीक्षा पास न कर पाने की वजह से आत्महत्या कर ली थी. उसने इसके लिए अन्नाद्रमुक को जिम्मेदार ठहराया था.
अन्नाद्रमुक ने डीएमके के नेता केएन नेहरू के पुराने वीडियो को भी शेयर किया जिसमें वे कह रहे हैं कि अगर नीट को खत्म नहीं किया गया वे छात्रों को चीटिंग करके परीक्षा पास करने की अनुमति देंगे.
एआईएडीएमके ने व्हाट्सएप पर मैसेज भेजे जिसमें कहा गया था कि डीएमके छात्रों को एग्जाम में चीटिंग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके वीडियो में यह भी दावा किया गया है कि इसी डीएमके ने ही राज्य में नीट की शुरुआत की थी.
यह भी पढ़ेंःतमिलनाडु में गरीबी रेखा नहीं बल्कि संपन्नता रेखा पर मेरा ध्यान होगा: कमल हासन
तमिल पहचान के संरक्षक
यह रेखांकित करने के लिए कि डीएमके तमिल संस्कृति की सच्ची रक्षक है, पार्टी के आईटी विंग ने भाषा को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के बारे को सूचीबद्ध किया है.
पार्टी के अनुसार, इसमें 1967 के बाद से स्कूलों में तमिल को पढ़ाना, 1970 में तमिल अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन करना, दूसरा विश्व तमिल सम्मेलन, तमिल भाषा विकास के लिए एक अलग मंत्री पद स्थापित करना शामिल है .
डीएमके ने वीडियो भी जारी किया है जिसमें भाजपा के सदस्य हिंदी में प्रचार कर रहे हैं, इसमें दावा किया गया है कि ‘तमिल घृणा का भाजपा का एजेंडा पेरियार अन्ना और कलैग्नार की भूमि में कभी सफल नहीं होगा!’
भाजपा के साथ गठबंधन
डीएमके लगातार मुख्यमंत्री एडापदी पलानीस्वामी पर केंद्र की मोदी सरकार के हाथों की ‘कठपुतली’ होने का आरोप लगाया है. मसलन, इसके रैप वीडियो में पलानीस्वामी को मोदी के सामने रेंगते हुए दिखाया गया है.
इसके उलट अन्नाद्रमुक के आईटी विंग द्वारा जारी वीडियो में पलानीस्वामी को ‘सुपरहीरो मुख्यमंत्री’ के रूप में दिखाया गया है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान विकास किया. पार्टी के आईटी विंग ने इन्फोग्राफिक्स और पुराने लेखों को भी शेयर किया ताकि यह बताया जा सके कि डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने पर्याप्त धन वितरित नहीं करने के बारे में केंद्र से बात की थी और मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित त्रिभाषा नीति का विरोध किया था.
यह भी पढ़ेंः DMK का मेनिफेस्टो जारी- 75% नौकरियां लोकल लोगों को, छात्रों को फ्री डाटा के साथ देंगे टैबलेट
शासन के दौरान हिंसा के आरोपों का जवाब
अपने विभिन्न वीडियो और सोशल मीडिया अभियानों के जरिए अन्नाद्रमुक ने कई बार डीएमके पर उनके कार्यकाल के दौरान बेलगाम शासन व हिंसा का आरोप लगाते हुए दावा किया कि वे बिजली कटौती के लिए जिम्मेदार और महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा हैं.
अन्नाद्रमुक के एक पदाधिकारी ने दिप्रिंट से कहा कि पार्टी के बहुत सारे वीडियो व्हाट्सएप पर प्रसारित किए जाते हैं क्योंकि यह सोशल मीडिया पर जो कुछ भी डाला जा रहा है, डीएमके की कोशिश होती है कि उसे हटा दिया जाए. ‘यह सब व्हाट्सएप पर है.’ क्योंकि अगर हम इसे वेब पर डालते हैं, तो वे (डीएमके) इसे हटाए जाने की कोशिश करते हैं.
डीएमके की आईटी विंग ने अपनी सरकारों द्वारा किए गए विकास कार्यों की सूची जारी कर इन आरोपों का जवाब देने की कोशिश की. पार्टी के आईटी विंग के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, महिला सुरक्षा पर डीएमके ने द्रविड़ आंदोलन के दौरान महिलाओं के संघर्षों का डिजिटलीकरण किया गया है.
आईटी विंग ने पार्टी प्रमुख एमके स्टालिन को महिला स्वयं सहायता समूहों का ‘हीरो’ बताते हुए एक लेख भी साझा किया है, जिसमें कहा गया है कि जब वह राज्य के गृह मंत्री थे, तब एक लाख ऐसे स्वयं सहायता समूह शुरू किए गए थे.
यह भी पढे़ंः कोलाथुर से लड़ेंगे स्टालिन, DMK ने विधानसभा चुनाव के लिए जारी की 173 उम्मीदवारों की सूची
अंतर्जातीय विवाह पर फर्जी खबर
हाल ही में एक वायरल वीडियो के बाद डीएमके को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था जिसमें झूठा दावा किया गया था कि उसके चुनावी घोषणापत्र में कहा गया है कि ऐसे अन्तर्जातीय विवाह के लिए जिसमें महिला तथाकथित उच्च जाति की होगी उसके लिए 60 हजार रुपये और 22 कैरेट का 8 ग्राम सोना दिया जाएगा.
डीएमके के आईटी विंग ने लेखों और प्रेस सम्मेलनों के माध्यम से इसका जवाब दिया और कहा कि घोषणापत्र में केवल अंजुगम अम्मल मेमोरियल अंतर्जातीय विवाह सहायता योजना की बात की गई थी, जिसे पहली बार 1967 में अंतर्जातीय विवाहों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया था. पार्टी ने यह भी कहा कि एमजीआर और जयललिता के कार्यकाल के दौरान भी यह योजना जारी रही थी.
परिवारवादी राजनीति
अन्नाद्रमुक लगातार द्रमुक परिवार के भीतर परिवारवादी राजनीति पर भी फोकस कर रही है. इसके आईटी विंग ने ‘सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार’ शीर्षक से एक वीडियो जारी किया है जिसमें स्टालिन के ऐक्टर बेटे उदयानिधि स्टालिन को निशाना बनाया गया है. इसमें उदयानिधि की एक क्लिप है जिसमें दावा किया गया है कि वह कभी राजनीति में शामिल नहीं होंगे, जबकि एक अन्य क्लिप में उनके पिता को उन्हें चेपक-तिरुवल्लिकेनी विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में घोषणा करते हुए दिखाया गया है.
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
यह भी पढ़ेंः पलानीस्वामी को जयललिता या MGR बनने की जरूरत नहीं, उन्हें पता है कि सत्ता में कैसे बने रहना है