दुनिया के सबसे कठोर लॉकडाउन, जिसने पूरी अर्थव्यस्था को ध्वस्त कर दिया, उसके एक साल बाद देश में लोग ऐसे रहने लगे हैं जैसे कि कोरोना खत्म हो गया है. लोगों के इस कठोर बलिदान को चुनावी रैलियों, विरोध प्रदर्शनों, सामाजिक और धार्मिक समारोहों में बिना मास्क लगाए लोगों के द्वारा बर्बाद किया जा रहा है. देश में कोरोना के 1.17 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं, 1,60,477 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं लेकिन भारत ने अभी भी सीख नहीं ली.