मुंबई: मुंबई पुलिस ने सोमवार को सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को निलंबित कर दिया.वाजे को उनके करियर में दूसरी बार निलंबित किया गया है.
यह कदम दक्षिण मंबई स्थित उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से लदी कार मिलने की जांच कर रही एनआईए द्वारा वाजे को गिरफ्तार किए जाने के बाद उठाया गया.
पुलिस उपायुक्त एस चैतन्य ने संवाददाताओं को बताया, ‘पुलिस विशेष शाखा के अतरिक्त आयुक्त के आदेश पर सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को निलंबित किया गया है.’
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के पास 20 जिलेटिन छड़ों के साथ मिली स्कॉर्पियों कार के मामले की जांच कर रही है और इसी सिलसिले में शनिवार रात को वाजे की गिरफ्तारी की थी.
वाजे (49) को ‘मुठभेड़’ में 63 कथित अपराधियों को मार गिराने का श्रेय दिया जाता है. उनपर ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन की कथित हत्या को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. अंबानी के घर के पास मिली स्कॉर्पियों एसयूवी कार हिरन की ही थी और पांच मार्च को ठाणे जिले के क्रीक में वह मृत मिले थे.
मुंबई की अदालत ने रविवार को वाजे को 25 मार्च तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया.
डिप्टी कमिशनर ऑफ पुलिस (ऑपरेशंस) एस चैतन्य जो मुंबई पुलिस के प्रवक्ता भी हैं ने दिप्रिंट से कहा, ‘ सचिन वाजे को अभी सस्पेंड कर दिया गया है. लेकिन अभी मैं यह नहीं बता सकता कि वह कब तक सस्पेंड रहेंगे.’
पिछले हफ्ते महाराष्ट्र सरकार ने वाजे को क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट से वाजे को मुंबई पुलिस के नागरिक सुविधा केंद्र में ट्रांसफर कर दिया था. गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडण्वीस द्वारा सदन में हिरेन की संदिग्ध मौत का मुद्दा उठाने के बाद ही उसके स्थानांतरण की घोषणा कर दी थी. उन्होंने इस मामले में वाजे के शामिल होने का भी आरोप लगाया और उसकी गिरफ्तारी की मांग भी की थी.
वाजे को एनआईए ने शनिवार को लगभग 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है और वह 25 मार्च तक रिमांड पर रहेंगे.पुलिस ने इससे पहले बताया कि वाजे को भारतीय दंड संहिता की धारा-286 (विस्फोटक सामग्री के संबंध में लापरवाही), धारा-465 (फर्जीवाड़ा), धारा-473 (फर्जीवाड़ा करने के इरादे से जाली मुहर रखना या बनाना), धारा- 506(2)आपराधिक उद्देश्य, धारा-120बी (आपराधिक साजिश) और विस्फोटक अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है.
हिरासत में लेने के लिए एनआईए की ओर दिए गए आवेदन में कहा गया कि चश्मदीदों के बयान से वाजे की मामले में संलिप्तता प्रतीत होती है.
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वाजे का इतिहास
वाजे 1990 के राज्य काडर के अधिकारी हैं. वह मुंबई पुलिस के जाने माने शार्प शूटर के रूप में जाने जाते हैं और बताया जाता है कि अभी तक उन्होंने अपने करियर में 63 लोगों की हत्या की थी. वह पुलिसकर्मियों की एक लीग के थे, जिन्हें टाइम पत्रिका ने एक बार ‘मुंबई के डर्टी हार्वेस’ के रूप में उनका वर्णन किया था.
उन्हें वर्ष 2004 में घाटकोपर धमाके के संदिग्ध ख्वाजा यूनिस की हिरासत में हुई मौत मामले में भी निलंबित किया गया था लेकिन पिछले साल उन्हें बहाल कर दिया गया.वाजे ने साल 2007 में पुलिस बल से इस्तीफा भी दे दिया था लेकिन उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया था.
इसी के बाद, वाजे ने शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली में औपचारिक तौर पर शिवसेना ज्वाइन कर ली थी.
मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह की अध्यक्षता में एक समीक्षा समिति द्वारा 17 निलंबित पुलिसकर्मियों के साथ गंभीर स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए उन्हें जून में वापस मेन फोर्स में शामिल किया गया. क्योंकि उस दौरान कोविड-19 पॉजिटिव होने के कारण पुलिसकर्मियों की भारी कमी हो गई थी.
वाजे क्राइम ब्रांच में नियुक्त किए गए थे और इस दौरान वह हाई प्रोफाइल केसों के जांच में जुड़े रहे जिसमें टीवी चैनलों द्वारा अर्णब गोस्वामी के नेतृत्व वाले रिपब्लिक टीवी सहित टीवी रेटिंग पॉइंट्स की कथित धोखाधड़ी की जांच शामिल है. इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक की मौत के मामले में गोस्वामी की गिरफ्तारी के समय वाजे भी मौके पर मौजूद थे.
(मानसी फडके और भाषा के इनपुट्स के साथ)
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