दुनिया अचानक भारत पर हमलावर नहीं हो रही है. भारत को ‘इलेक्टोरल ऑटोक्रेसी’ कहने वाले वी-डेम का जवाब इस पर हमला करना नहीं बल्कि आत्मनिरीक्षण है. यह कोई पश्चिमी पूर्वाग्रह नहीं है, हंगरी भी इस बॉक्स में है. वैश्विक राय मायने रखती है. यह ब्रांड इंडिया में मदद करता है खासकर जब हमारे टीके की सराहना होती है या पीएम मोदी को CERAWeek पुरस्कार मिलता है.