नई दिल्ली: शतरंज खिलाड़ी इंटरनेशनल ग्रैंड मास्टर कोनेरू हम्पी बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ द ईयर अवॉर्ड के दूसरे संस्करण की विजेता बनी हैं. पब्लिक वोटिंग के आधार पर उन्हें सोमवार को विजेता घोषित किया गया है.
अवॉर्ड जीतने बाद कोनेरू हम्पी ने कहा, ‘यह अवॉर्ड बेहद कीमती है, न सिर्फ मेरे लिए बल्कि शतरंज से जुड़ी पूरी बिरादरी के लिए. शतरंज एक इनडोर गेम है इसलिए भारत में क्रिकेट की तरह इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता. लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस अवॉर्ड के बाद शतरंज की ओर लोगों का ध्यान जाएगा.’
हम्पी वर्ल्ड रैपिड चेस चैंपियनशिप की मौजूदा विजेता हैं. इसके साथ ही वह केर्यन्स कप 2020 की भी विजेता हैं.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैं वर्षों तक इसलिए जीतती रही कि मेरे अंदर इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास है. एक महिला खिलाड़ी को कभी भी अपना खेल छोड़ने के बारे में नहीं सोचना चाहिए. शादी और मातृत्व जिंदगी का सिर्फ एक हिस्सा है. इसके लिए महिला खिलाड़ियों को अपनी जिंदगी की धारा नहीं मोड़ देनी चाहिए.’
कोनेरू हम्पी का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था. हम्पी की शतरंज प्रतिभा को उनके पिता ने बचपन में ही पहचान लिया था. 2002 में 15 साल की उम्र में ही ग्रैंड मास्टर बनकर उन्होंने अपनी प्रतिभा साबित कर दी. यह एक रिकार्ड था, जिसे 2008 में चीन की हाउ यीफैन ने तोड़ा.
बीबीसी के डायरेक्टर जनरल टीम डेवी ने वर्चुअल अवॉर्ड समारोह की मेज़बानी की और विजेता के नाम का ऐलान किया.
उन्होंने कहा, ‘इस साल का बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन अवॉर्ड जीतने के लिए कोनेरू हम्पी को बहुत बधाई. कोनेरू ने शतरंज को अपना शानदार योगदान दिया है और वह तारीफ की वास्तविक हकदार हैं. मुझे खुशी है कि बीबीसी भारतीय महिला खिलाड़ियों की सफलता को मान्यता देने के काम की अगुआई कर रहा है.’
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अंजू बॉबी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
इस साल का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिग्गज एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज को दिया गया. अंजू बॉबी जॉर्ज को यह अवॉर्ड भारतीय खेलों में उनके शानदार योगदान और खेलों की दुनिया में नाम कमाने की हसरत रखने वाले खिलाड़ियों के प्रेरित करने के लिए दिया गया. वह अकेली भारतीय एथलीट हैं, जिन्होंने 2003 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीता था.
लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड लेने के बाद अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा, ‘इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड को पाकर मैं बेहद खुश हूं.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने विपरीत परिस्थितियों का भी सामना किया और उनसे बाहर भी निकल आई लेकिन इसने मुझे सिखाया कि कड़ी मेहनत और लगन का कोई विकल्प नहीं है. सही प्रेरणा और इच्छाशक्ति से सब कुछ संभव है.’
मनु भाकर को ‘इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड’
इंग्लैंड के क्रिकेट स्टार बेन स्टोक्स ने मनु भाकर के नाम का ऐलान ‘इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड के लिए किया. मनु भाकर देश की युवा शूटर है. ‘इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड’ नई कैटेगरी है. भाकर ने 16 साल की उम्र में ही इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन वर्ल्ड कप, 2018 में दो गोल्ड मेडल जीत लिए थे. इसके बाद उन्होंने यूथ ओलंपिक गेम्स में एक और गोल्ड मेडल जीता. इसी साल उन्होंने गोल्ड मेडल जीत कर कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड बनाया.
मनु भाकर को यह अवॉर्ड इस बार के लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज ने दिया.
मनु भाकर ने पुरस्कार जीतने के बाद कहा, ‘मेरे लिए यह अवॉर्ड काफी मायने रखता है. मुझे लगता है कि इसके ज़रिए मेरी कड़ी मेहनत को मान्यता मिली है. लोगों को अब इसके बारे में पता चल गया है. लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड पाने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज से यह अवॉर्ड हासिल करके वास्तव में ऐसा लग रहा है कि एक उभरती प्रतिभा को प्रोत्साहित किया जा रहा है.’
वर्चुअल अवॉर्ड नाइट में बीबीसी की डायरेक्टर ऑफ न्यूज फ्रैन अन्सवर्थ ने भी शिरकत की. उन्होंने बताया कि पहली बार आयोजित बीबीसी स्पोर्ट्स हैकथॉन का नतीजा देखना कितना शानदार था. इसके तहत वीकिपीडिया में सात भाषाओं में 50 भारतीय महिला खिलाड़ियों की खेल यात्रा पर 300 एंट्री जोड़ी गई. यह बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन अवॉर्ड 2021 का स्पेशल फीचर था.
2019 में इस अवॉर्ड की हुई थी शुरुआत
देश की बेहतरीन महिला खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए बीबीसी स्पोर्ट्सवुमन अवॉर्ड ऑफ द ईयर 2019 में शुरू किया गया था.
प्रतिभावान भारतीय महिला खिलाड़ियों की प्रेरक यात्रा को रेखांकित करने के लिए इस अवॉर्ड की शुरुआत की गई थी.
फरवरी, 2021 में घोषित इस अवॉर्ड के लिए पांच भारतीय महिला खिलाड़ियों को नॉमिनेट किया गया था. ये थीं- धाविका दुती चंद, शतरंज चैंपियन कोनेरू हम्पी, शूटर मनु भाकर, पहलवान विनेश फोगाट और भारतीय महिला फील्ड हॉकी टीम की मौजूदा कप्तान रानी.
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