इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के साथ संघर्ष विराम समझौते का शनिवार को स्वागत किया और कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए ‘अनुकूल वातावरण’ बनाने की जिम्मेदारी नयी दिल्ली की है.
भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने बृहस्पतिवार को संयुक्त रूप से घोषणा की थी कि वे नियंत्रण रेखा पर और अन्य सेक्टरों में संघर्ष विराम समझौते का कड़ाई से पालन करेंगे.
इसके बाद पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए खान ने कहा कि पाकिस्तान, भारत के साथ ‘सभी लंबित मुद्दों’ का समाधान बातचीत के जरिये करने को तैयार है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘नियंत्रण रेखा पर फिर से संघर्ष विराम स्थापित करने का मैं स्वागत करता हूं. इसमें आगे की प्रगति के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने की जिम्मेदारी भारत की है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीरी लोगों द्वारा अपने निर्णय खुद करने की उनकी बहुप्रतीक्षित मांग और अधिकार के लिए भारत को आवश्यक कदम उठाने चाहिए.’
खान ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘हम हमेशा शांति चाहते हैं और सभी लंबित मुद्दों का समाधान बातचीत के जरिये निकालने को तैयार हैं.’
भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि ‘बातचीत और आतंकवाद’ साथ-साथ नहीं चल सकते.
इसके साथ ही भारत ने इस्लामाबाद से कहा है कि उसे अपने यहां मौजूद आतंकी ठिकाने खत्म करने के लिए कदम उठाने होंगे.
बृहस्पतिवार को भारत ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ रिश्ते सामान्य करना चाहता है और सारे मुद्दे, द्विपक्षीय तथा शांतिपूर्वक तरीके से हल करना चाहता है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने नयी दिल्ली में कहा, ‘पाकिस्तान के साथ संबंधों के सिलसिले में, हमने पहले भी कहा है कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसे संबंध चाहता है. हमने हमेशा कहा है कि हम सभी मुद्दों का समाधान शांतिपूर्ण और द्विपक्षीय तरीके से निकालना चाहते हैं.’
पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायु सेना द्वारा 2019 में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर हवाई हमला किया गया था.
इस हमले की दूसरी सालगिरह के अवसर पर सिलसिलेवार ट्वीट कर खान ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है और सभी लंबित मुद्दों का समाधान बातचीत के जरिये करना चाहता है.
उन्होंने कहा कि पकड़े गए भारतीय पायलट को वापस कर पाकिस्तान ने दुनिया को अपना “जिम्मेदाराना बर्ताव” दिखाया है.
कश्मीर के मुद्दे पर खान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीरी लोगों द्वारा अपने निर्णय खुद करने की उनकी बहुप्रतीक्षित मांग और अधिकार के लिए भारत को आवश्यक कदम उठाने चाहिए.
गौरतलब है कि भारत पाकिस्तान से कह चुका है कि उसके अंदरूनी मामलों में टिप्पणी करने का पड़ोसी देश को कोई अधिकार नहीं है.
इसके साथ ही भारत ने कहा है कि जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख संघ शासित क्षेत्र भारत का अभिन्न हिस्सा थे और रहेंगे.
इस बीच, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि वह शांतिपूर्ण सह अस्तित्व और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के माध्यम से कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है.
भारत द्वारा बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले के जवाब में पाकिस्तान की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई का जश्न आज पाकिस्तानी वायु सेना (पीएएफ) ने मनाया.
इस अवसर पर पीएएफ के प्रमुख एयर चीफ मार्शल मुजाहिद अनवर खान ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है और इसे उसकी कमजोरी समझने की गलती नहीं करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद अपनी रक्षा करने में सक्षम है.
पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पाकिस्तान शांति का पक्षधर है लेकिन चुनौती दिए जाने पर वह पूरी ताकत से जवाब देगा.
डॉन अखबार में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया कि किसी को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि द्विपक्षीय समझौते को प्रभावित करने वाली कड़वाहट एक बयान के आधार पर खत्म हो जाएगी.
संपादकीय में कहा गया, ‘शांति स्थापना एक लंबी और कठिन प्रक्रिया है और जब भारत तथा पाकिस्तान जैसे जटिल संबंध हों तो चीजों को ठीक होने में समय लगेगा.’
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