नई दिल्ली: टूलकिट मामले में प्रमुख आरोपी और पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत याचिका मंजूर कर ली गई है.
पटियाला हाउस कोर्ट के सत्र न्यायालय ने दिशा रवि की जमानत याचिका की अनुमति दी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने उन्हें दो जमानती राशि के साथ 100,000 रुपये की जमानत राशि देने पर यह जमानत मंजूर की है.
इससे पहले पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि किसानों के आंदोलन के समर्थन को लेकर तैयार की गई ‘टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट’ की जांच के मामले में मंगलवार को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के कार्यालय पहुंची थीं.
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को रवि को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. पुलिस ने कहा था कि दिशा का मामले में अन्य आरोपियों निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के साथ आमना-सामना कराया गया.
जैकब और मुलुक सोमवार को जांच में शामिल हुए थे. द्वारका में दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के कार्यालय में उनसे पूछताछ की गयी.
बता दें कि इससे पहले आरोपी शांतनु मुलुक ने, अग्रिम जमानत के लिए मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत का दरवाजा खटखटाया. मुलुक द्वारा दिए गए आवेदन पर बुधवार को अतिरिक्त सत्र जज धर्मेन्द्र राणा की अदालत में सुनवाई होने की संभावना है.
बंबई उच्च न्यायालय ने मुलुक को 16 फरवरी को दस दिन के लिए ट्रांजिट जमानत दे दी थी. मुलुक, दिशा रवि और एक अन्य आरोपी निकिता जैकब पर राजद्रोह तथा अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए ‘टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट’ की जांच के मामले में दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरू की कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने आरोप लगाया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के नाम पर भारत में हिंसा और अशांति फैलाने की साजिश के तहत यह टूलकिट तैयार की गयी.
केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
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