पुडुचेरी/नई दिल्ली: पुडुचेरी में हुए अचानक राजनीतिक घटनाक्रम के तहत एक और विधायक के इस्तीफे के बाद केंद्र शासित प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में अपना बहुमत खो दिया, जबकि उपराज्यपाल किरण बेदी को उनके पद से हटा दिया गया, जिसकी मांग सत्ताधारी पार्टी लंबे समय से कर रही थी.
कांग्रेस विधायक जॉन कुमार ने मंगलवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही गत एक महीने में वह चौथे विधायक हो गए हैं जिन्होंने विधायक पद छोड़ा है. मौजूदा सदन में कांग्रेस नीत गठबंधन के अब 14 विधायक रह गए हैं.
इस मौके का लाभ उठाते हुए विपक्ष ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी से इस्तीफा मांगते हुए कहा कि सरकार अल्पमत में है. पुडुचेरी की 33 सदस्यीय विधानसभा में अब विपक्ष के सदस्यों की संख्या भी 14 है.
हालांकि, नारायणसामी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए दावा किया कि उनकी सरकार को सदन में ‘बहुमत’ हासिल है. उल्लेखनीय है कि पुडुचेरी विधानसभा के लिए अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं.
कुमार के इस्तीफे के साथ ही विधानसभा में अध्यक्ष सहित कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 10 सदस्य रह गई है, जबकि उसके सहयोगी द्रमुक के तीन सदस्य हैं एवं एक निर्दलीय सदस्य भी नारायणसामी की सरकार को समर्थन दे रहा है.
सदन में प्रभावी सदस्यों की संख्या के आधार पर बहुमत का आंकड़ा 15 है. पुडुचेरी विधानसभा का चुनाव अप्रैल में होने की उम्मीद है क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 21 जून 2021 को समाप्त हो रहा है.
कांग्रेस विधायक के इस्तीफे का घटनाक्रम पार्टी नेता राहुल गांधी के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करने के लिए आने से एक दिन पहले हुआ है.
कुमार के इस्तीफा के बाद मंगलवार को विधानसभा में कांग्रेस के 10, द्रमुक के तीन, ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के सात, अन्नाद्रमुक के चार, भाजपा के तीन (सभी नामांकित एवं मत देने का अधिकार रखते हैं) और एक निर्दलीय विधायक रह गया है.
कांग्रेस के चार विधायकों ने इस्तीफा दिया है जबकि एक विधायक को अयोग्य ठहराया गया है.
कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘मैंने पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है. मैं इसकी चिट्ठी पुडुचेरी कांग्रेस समिति अध्यक्ष ए सुब्रमण्यम को भेज रहा हूं.’
नारायणसामी के विश्वासपात्र माने जाने वाले कुमार वर्ष 2019 में ही कामराज सीट से उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.
पुडुचेरी में उत्पन्न हुए राजनीतिक संकट के बीच उपराज्यपाल किरण बेदी को मंगलवार रात को अचानक उनके पद से हटा दिया गया.
राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता अजय कुमार सिंह द्वारी जारी की गयी संक्षिप्त विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है कि किरण बेदी ‘अब पुडुचेरी की उपराज्यपाल नहीं रहेंगी’.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन को पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. उपराज्यपाल का पदभार संभालने के बाद से उनकी यह नयी जिम्मेदारी प्रभावी हो जाएगी और वह पुडुचेरी के उपराज्यपाल की नियमित व्यवस्था होने तक इस पद पर रहेंगी.
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार ने एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है कि डॉ. किरण बेदी अब पुडुचेरी की उपराज्यपाल नहीं रहेंगी. उन्होंने तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन को अपने दायित्वों का निर्वहन करने के साथ ही पुडुचेरी के उपराज्यपाल की जिम्मेदारी निभाने के लिए नियुक्त किया है. यह नयी जिम्मेदारी उनके नये उपराज्यपाल के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद से प्रभावी हो जाएगी और वह पुडुचेरी के उपराज्यपाल की नियमित व्यवस्था किए जाने तक इस पद पर रहेंगीं.’
गौरतलब है कि बेदी और नारायणसामी के बीच कई मुद्दों पर टकराव रहा है.
पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया कि संभव है कि कुमार भाजपा में शामिल हों, क्योंकि माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा ने जिस तरह से तृणमूल नेताओं को पार्टी में शामिल कराया है, उसी को वह पुडुचेरी में दोहराएगी, हालांकि यहां पर यह बड़े पैमाने पर नहीं होगा.
पिछले महीने भाजपा अध्यक्ष जो पी नड्डा ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि कांग्रेस भ्रष्टाचार में डूबी है और उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में 30 में से 23 से अधिक सीटें जीतकर सत्ता में आने का दावा किया था.
कांग्रेस से विधायकों के इस्तीफे की शुरुआत पिछले महीने मंत्री ए नमास्सिवयम और ई थीप्पैनजान से हुई. बाद में दोनों भाजपा में शामिल हो गए.
मंत्री मल्लाडी कृष्णा राव ने भी सरकार से पहले इस्तीफा दिया और फिर सोमवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. पिछले साल जुलाई में एन धानवेलु को पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से अयोग्य करार दिया गया था.
नमास्सिवयम ने नरायाणसामी पर हमला करते हुए उन पर वरिष्ठ नेताओं को दबाने का आरोप लगाया.
नेता प्रतिपक्ष एन रंगासामी ने मंगलवार को नारायणसामी सरकार से इस्तीफे की मांग की .
उन्होंने कहा, ‘सत्तारूढ़ दल के विधायक के इस्तीफे के बाद सरकार ने बहुमत खो दिया है. मुख्यमंत्री को स्वेच्छा से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए.’
इस बीच नारायणसामी ने दावा किया कि सरकार को सदन में ‘बहुमत’ हासिल है.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘हमारे विधायक एकजुट हैं. विपक्ष द्वारा सरकार से इस्तीफे की मांग उचित नहीं है…हम संवैधानिक प्रावधानों के तहत कार्य करेंगे.’
अगले कुछ ही महीने में पुडुचेरी में विधानसभा का चुनाव है.
इस बीच, नारायणसामी ने बेदी को हटाए जाने के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह लोगों के अधिकारों की जीत है.
कांग्रेस की छात्र इकाई ने बेदी को हटाने का स्वागत करते हुए शहर में पटाखे फोड़े.
ए नमास्सिवयम ने कहा कि उन्हें खुशी है कि तमिल भाषी सौंदर्यराजन को पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है और उन्होंने विश्वास जताया कि वह विकास योजनाओं को लागू करने में मदद करेंगी.