कांग्रेस के सदस्यों का अयोध्या राम मंदिर के लिए दान देना, जुटाना पार्टी के विचारधारात्मक कन्फ्यूजन को सामने लाता है. यह सोचना कि वे भाजपा के मंदिर के निर्माण को उचित ठहरा सकते हैं, विचारों के दुर्बल दिवालियापन को दर्शाता है. कांग्रेस कई बार पहले भी इस सॉफ्ट हिंदुत्व से अपनी छवि को सुधारने की कोशिश की है और नकार दी गई है.
नीतीश कुमार जेपी आंदोलन की पैदाइश हैं जबकि बिहार पुलिस प्रदर्शनाकारियों को नौकरी से वंचित रखने के लिए धमका रही है
बिहार पुलिस का वो आदेश जो ये कह रहा है कि जो विरोध प्रदर्शनों में भाग ले रहे हैं, चक्का जाम कर रहे हैं उनको सरकारी नौकरी और सेवा नहीं दी जाएंगी अलोकतांत्रिक और बेहद कड़क है. ये और भी अस्वीकार्य है क्योंकि बिहार की भूमि ने कई महत्वपूर्ण राजनीतिक और सड़क पर आंदोलनों को सिंचित किया है और वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तहत है, जो खुद जेपी आंदोलन की उपज है.
कृषि आंदोलन पर आए ट्वीट्स पर प्रतिक्रिया भारत को शोभा नहीं देती
सरकार का विदेशी सेलिब्रिटीज के कृषि आंदोलन के समर्थन आये ट्रवीट्स पर प्रतिक्रिया एक महान देश को शोभा नहीं देता और दिखाता है कि हम कितनी पतली चमड़ी रखते हैं. भारत उत्तर कोरिया, चीन, रूस, तुर्की नहीं, और साऊदी अरब और पाकिस्तान तो कतई नहीं. न ही हम चीनी मिट्टी के बने हैं. भारत एक गर्व वाली, विविधतापूर्ण लोकतंत्र है. चिढ़ के, बिना सोचे प्रतिक्रिया देना हमारा भला नहीं करता.