चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा मंगलवार को आहूत एक सर्वदलीय बैठक में तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग करने के साथ ही संकट के समाधान में ‘अत्यधिक देरी’ के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया.
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को ‘प्रायोजित’ करार देते हुए बैठक में लाल किले पर शांति बनाए रखने के लिए जिम्मेदार लोगों की ‘शिथिलता और मिलीभगत’ की न्यायिक जांच की भी मांग की गई.
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने और इस मुद्दे और किसानों के आंदोलन से संबंधित अन्य मामलों को उठाने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली भेजने का फैसला किया गया.
भाजपा ने जहां इस बैठक का बहिष्कार किया, वहीं आम आदमी पार्टी दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस के जवानों की तैनाती की अपनी मांग को लेकर इस बैठक से बाहर चली गई.
सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कांग्रेस, शिअद, लोक इंसाफ पार्टी, एसएडी (डेमोक्रेटिक), बसपा, भाकपा और माकपा ने हिस्सा लिया.
अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर आगे बढ़ने के लिए आम सहमति बनाने के लिए यह बैठक बुलाई थी.
सभी दलों के प्रतिनिधियों ने किसान यूनियनों द्वारा अपनाये गए रुख की सराहना की और बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया.
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