नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के मद्देनज़र किसानों की ‘दुर्दशा’ बयां करने वाली एक पुस्तिका जारी की. उन्होंने कहा कि केंद्र के कृषि कानून भारत के कृषि क्षेत्र को ‘बरबाद’ करने के लिए बनाए गए हैं.
राहुल गांधी ने ‘किसानों की पीड़ा’ पर ‘खेती का खून’ शीर्षक से एक पुस्तिका जारी की.
उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार देश के किसानों को खत्म करना चाहती है और ये कानून इस दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है. अगर ये कानून रद्द कर भी दिए जाते हैं तो प्रधानमंत्री मोदी इसी के साथ नहीं रूकेंगे.’
गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ हमेशा खड़ी रही है. उन्होंने कहा, ‘मैं नरेंद्र मोदी से नहीं डरता हूं. मैं साफ सुथरा आदमी हैं.’
उन्होंने कहा कि विपक्ष को फ्री मीडिया की जरूरत होती है. ये प्रेस कांफ्रेंस किसानों को मदद करने के लिए है. दिल्ली के सीमाई इलाकों में पिछले करीब 2 महीनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं. मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों को रद्द करने की किसान मांग कर रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच इस मद्देनज़र 9 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है.
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— Congress (@INCIndia) January 19, 2021
गांधी ने कहा कि सरकार मुद्दों को टालना चाहती है और देश को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा, ‘मैं केवल किसानों के लिए नहीं बोल रहा हूं बल्कि ये युवाओं के लिए भी उतना ही जरूरी है. यह न केवल वर्तमान बल्कि हमारे भविष्य के लिए भी जरूरी है.’
उन्होंने कहा, ‘पिछले छह-सात सालों को देखें तो हर उद्योग में सिर्फ चार-पांच लोगों का एकाधिकार हो गया है. अब ऐसी स्थिति आ गई है जहां देश के सिर्फ चार-पांच मालिक हैं.’
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘हवाई अड्डों, बुनियादी ढांचे, दूरसंचार, रिटेल और दूसरे क्षेत्र में हम देख रहे हैं कि बड़े पैमाने पर एकाधिकार स्थापित हो गया है. तीन-चार पूंजीपतियों का एकाधिकार है. ये तीन-चार लोग ही प्रधानमंत्री के करीबी हैं और उनकी मदद करते हैं.’
उन्होंने आरोप लगाया कि कृषि क्षेत्र अब तक एकाधिकार से अछूता था, लेकिन अब इसे भी निशाना बनाया जा रहा है. ये तीनों कानूनों इसीलिए लाए गए हैं.
कांग्रेस नेता के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा के किसान इस देश के रक्षक हैं. वे कृषि क्षेत्र को कुछ लोगों के हाथ में जाने से रोकने के लिए लड़ रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि पहले एक ढांचा था जो गरीबों और किसानों की मदद करता था. उन्होंने कहा कि किसान अपनी रक्षा नहीं कर रहे हैं बल्कि वो हमारे भोजन की रक्षा कर रहे हैं. इसके लिए हमें उनका समर्थन करना है.
उन्होंने कहा, ‘सरकार समझती है कि किसानों को थकाया और बेवकूफ बनाया जा सकता है. लेकिन सच्चाई ये है कि प्रधानमंत्री से ज्यादा समझदार किसान हैं और उन्हें कानूनों को वापस लेना पड़ेगा.’
सुप्रीम कोर्ट पर पूछे सवाल पर गांधी ने कहा, ‘मैं शीर्ष अदालत पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. भारत खुद सुप्रीम कोर्ट की असलियत को देख सकता है.’
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‘चीन- इवेंट नहीं बल्कि प्रोसेस है’
भारत-चीन विवाद पर गांधी ने कहा कि इसे अच्छी तरह से संभालना पड़ेगा. चीन डोमिनेट करना चाहता है और वो व्यवस्थित तरीके से काम कर रहा है.
उन्होंने कहा कि चीन से कुछ नुकसान हो इससे पहले भारत को तैयारी करनी चाहिए.
उन्होंने कहा की चीन एक इवेंट नहीं है बल्कि वो एक प्रक्रिया (प्रोसेस) है.
उन्होंने कहा कि चीन के पास दुनिया को बदलने के लिए एक रणनीतिक सोच है जो भारत के पास नहीं है.
उन्होंने कहा कि चीन ने भारत को दो बार टेस्ट किया है. एक बार डोकलाम और दूसरी बार लद्दाख में. अगर भारत कोई स्पष्ट संदेश नहीं देता है तो चीन चुप नहीं बैठेगा.
बता दें कि बीते कई महीनों से लद्दाख में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा है. इस बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है.
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