अंतर-धार्मिक जोड़ों और उनकी निजता के लिए विशेष विवाह अधिनियम के तहत 30 दिन के नोटिस को गैर-जरूरी बनाने को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला जरूरी है. हाथरस मामले और एंटी-सीएए प्रदर्शन में लोगों को बदनाम करने के बाद, सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य की सबसे बड़ी अदालत ने एक बार फिर से मौलिक अधिकारों की रक्षा का उदाहरण पेश किया है.
होम50 शब्दों में मतस्पेशल मैरिज एक्ट, हाथरस, सीएए- इलाहाबाद HC ही है जो मौलिक अधिकारों की रक्षा कर रही है
