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Friday, 22 November, 2024
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जेईई एडवांस प्रवेश परीक्षा 3 जुलाई को, IIT खड़गपुर करेगा संचालन : निशंक

निशंक ने बताया कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए जेईई एडवांस परीक्षा के लिये 12वीं कक्षा में 75 फीसदी अंक के निर्धारित पात्रता मानदंड में इस बार भी छूट दी गयी है .

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नई दिल्ली: देश के विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में दाखिले के लिए जेईई एडवांस परीक्षा 3 जुलाई 2021 को आयोजित की जायेगी . केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी .

निशंक ने बताया कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए जेईई एडवांस परीक्षा के लिये 12वीं कक्षा में 75 फीसदी अंक के निर्धारित पात्रता मानदंड में इस बार भी छूट दी गयी है .

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह शीर्ष और बहुत महत्वपूर्ण परीक्षा है, ऐसे में छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 75 प्रतिशत वाले पात्रता मानदंड को इस बार भी हटा दिया गया है.

निशंक ने कहा, ‘आईआईटी में दाखिले के लिये आईआईटी एडवांस परीक्षा की तिथि 3 जुलाई 2021 सुनिश्चित की गई है.’ उन्होंने कहा कि इस बार परीक्षा आईआईटी खडगपुर द्वारा आयोजित कराई जाएगी.

पूरे राष्ट्र की है NEP

अपने सोशल मीडिया पर परीक्षा की तारीख की घोषणा करते हुए निशंक ने कहा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति किसी एक विभाग या सरकार की नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की है और देश में ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिये आमूलचूल बदलाव के साथ इसे लाया गया है.

निशंक ने ‘इंटरनेशनल मोनोलिथिक कांफ्रेंस’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, ‘भारत की नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की दुनियाभर में सराहना की जा रही है. यह ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान, सामाजिक विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के जरिये वैश्विक प्रतिस्पर्धा का आधार बढ़ाने में सक्षम है .’ उन्होंने कहा कि हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्री ने डिजिटल माध्यम से बैठक में अपने यहां इसे लागू करने की इच्छा व्यक्त की थी.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने सराहना की है, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने भी नयी शिक्षा नीति की प्रशंसा की. इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया और मॉरिशस ने भी नीति की सराहना की.

निशंक ने कहा, ‘ नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति किसी एक विभाग या सरकार की नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की है.’ उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति व्यापक विचार एवं जीवन दर्शन पर आधारित है. हमारे प्राचीन ग्रंथों, वेदों, उपनिषदों में केवल ज्ञान नहीं है बल्कि ये विज्ञान और प्रौद्योगिकी से भरे हुए हैं .

मंत्री ने कहा कि इस संबंध में सुश्रुत, पाणिनी, चरक, भाष्कराचार्य, बराहमिहिर, आर्यभट्ट, नागार्जुन, कणाद आदि के कार्यों का भी उल्लेख किया .

निशंक ने कहा कि एक कालखंड में हम इन चीजों को भूल गए थे, हमें इनके बारे में बताया नहीं गया, सिखाया नहीं गया .

नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह समानता एवं भारत की जरूरतों पर आधारित है और इसकी प्रकृति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों है, इसे व्यापक परामर्श के बाद लाया गया है .

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