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Saturday, 23 November, 2024
होमहेल्थयूके स्ट्रेन से अब तक 20 लोग पाए गए पॉजिटिव, भारत लौटे सभी संक्रमितों की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग

यूके स्ट्रेन से अब तक 20 लोग पाए गए पॉजिटिव, भारत लौटे सभी संक्रमितों की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग

तेजी से बढ़े इस नंबर को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वे सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ का हिस्सा होंगे जो नौ से 22 दिसंबर तक भारत पहुंचे हैं और कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं.

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नई दिल्ली: ब्रिटेन से भारत लौटे करीब 20 लोग कोरोना के नए म्यूटेंट से संक्रमित पाए गए हैं. संक्रमितों में एनसीडीसी दिल्ली में 8, कोलकाता में 1, एनआईवी पुणे में 1, निमहंस में 7, सीसीएमबी में 2, और आईजीआईबी में-1 है. अभी तक 107 सैंपल में 20 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो गई है.

सबसे अधिक संक्रमितों की संख्या दिल्ली में मिली है. दिल्ली की एनसीडीसी लैब में 14 नमूने दिए गए थे हालांकि अगर बात करें ब्रिटेन से दिल्ली लौटे और उनसे संक्रमित हुए लोगों की तो वो कुल 33 हो गए हैं और सभी का इलाज एलएनजेपी अस्पताल में चल रहा है.  जबकि बंगलूरू की निमहंस लैब में इसके संक्रमितों की संख्या सात बताई जा रही है यहां भी 15 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे.

मंगलवार सुबह महज छह लोगों में यह स्ट्रेन पाया गया था. तेजी से बढ़े इस नंबर को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वे सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ का हिस्सा होंगे जो नौ से 22 दिसंबर तक भारत पहुंचे हैं और कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं.

केंद्र यह कवायद इसलिए कर रहा है, ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं ये लोग विषाणु के उस नए प्रकार से तो संक्रमित नहीं हैं जो हाल में ब्रिटेन में पाया गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ पर दिशा-निर्देश के मुताबिक, अन्य यात्रियों को राज्य और जिला निगरानी अधिकारी देखेंगे और उनके भारत पहुंचने के पांचवें से 10 वें दिन के बीच उनकी आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक जांच की जाएगी, भले ही उनमें कोई लक्षण नहीं दिख रहा हो.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ दिशा-निर्देश संबंधी दस्तावेज में कहा गया है, ‘पिछले 14 दिन (9 से 22 दिसंबर तक) में भारत पहुंचे सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री, यदि उनमें लक्षण हैं और संक्रमित पाए गए हैं तो वे जीनोम सीक्वेंसिंग का हिस्सा होंगे.’

भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के मुताबिक, इस साल नवंबर में कुल 10.44 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्री भारत आए और गए हैं.

ब्रिटेन में पाया गया कोराना वायरस का नया प्रकार अब तक डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी मिल चुका है.


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दिल्ली का हाल

ब्रिटेन से लौटे और कोविड-19 से संक्रमित पाए गए लोगों के संपर्क में आने से दिल्ली में दो और व्यक्तियों में कोरोनावायरस का संक्रमण पाया गया है. दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इसके साथ कुल संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है. इसमें ब्रिटेन से संक्रमित लौटे और उनके संपर्क में आने से बीमार हुए लोग शामिल हैं.

उन्होंने बताया, ‘सभी 33 लोगों को एलएनजेपी अस्पताल के विशेष केंद्र में भर्ती कराया गया है और वे स्थिर हैं. उनके नमूनों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनमें ब्रिटेन में सामना आया वायरस का नया प्रकार है या नहीं.’

स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयोगशाला और महामारी निगरानी तथा देश में कोरोनावायरस की समूची ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ के विस्तार और यह समझने के लिए भारतीय ‘सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ स्थापित किया है कि वायरस का प्रसार किस तरह होता है एवं इसकी उत्पत्ति किस तरह होती है.

भारत ने विषाणु के उत्परिवर्तित प्रकार का पता लगाने तथा इसे रोकने के लिए एक अग्र-सक्रिय रणनीति तैयार की है. इसमें 23 दिसंबर की मध्यरात्रि से 31 दिसंबर तक ब्रिटेन से आनेवाली सभी उड़ानों को अस्थायी रूप से रोकने और ब्रिटेन से लौटे सभी हवाई यात्रियों की आरटी-पीसीआर से जांच अनिवार्य करना शामिल है.

केंद्र सरकार ने 10 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं की पहचान की है जहां उनके कोविड-19 से संक्रमित पांच प्रतिशत नमूनों को ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ के लिए भेजा जाएगा जिससे कोरोना वायरस के नए प्रकार का पता लगाया जा सके.

स्वास्थ्य मंत्रालय सार्स-कोव-2 के नए प्रकार के संदर्भ में निगरानी और प्रतिक्रिया के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पहले ही जारी कर चुका है.

इस पहल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि भारत पहुंचने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की उचित तरीके से जांच हो ताकि विषाणु के नए प्रकार का जल्दी पता चल सके.

ब्रिटेन से भारत लौटे छह लोगों के नमूनों में अब तक सार्स-कोव-2 का नया प्रकार (स्ट्रेन) पाया गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं स्नायु विज्ञान अस्पताल (निमहांस) में जांच के लिए आए तीन नमूनों, हैदराबाद स्थित कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) में दो नमूनों और पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में एक नमूने में वायरस का नया प्रकार पाया गया.

मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकारों ने इन सभी लोगों को चिह्नित स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में अलग पृथक-वास कक्षों में रखा है और उनके संपर्क में आए लोगों को भी पृथक-वास में रखा गया है.

भाषा के इनपुट्स के साथ

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