नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को केंद्र से कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि किसान जीवित रहने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.
नवंबर के आखिरी हफ्ते से सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों से मिलने दूसरी बार पहुंचे केजरीवाल ने कहा, ‘मैं किसी भी केंद्रीय मंत्री को चुनौती देता हूं कि वह किसानों के साथ खुली बहस करें जिससे पता चल जाएगा कि ये कृषि कानून लाभदायक हैं या हानिकारक.’
ਚਾਰ ਸਾਹਿਬਜ਼ਾਦਿਆਂ ਅਤੇ ਮਾਤਾ ਗੁਜਰੀ ਜੀ ਦੀ ਸ਼ਹਾਦਤ ਨੂੰ ਯਾਦ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਸਿੰਘੁ ਬਾਰਡਰ 'ਤੇ ਆਯੋਜਿਤ ਕੀਰਤਨ ਦਰਬਾਰ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਹੋਣ ਦਾ ਸੁਭਾਗ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਇਆ | LIVE https://t.co/YQtOCmkaBY
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 27, 2020
केजरीवाल के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी थे. इससे पहले केजरीवाल सात दिसंबर को दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर किसानों से मिलने गए थे.
उन्होंने कहा, ‘‘किसान अपने जीवन के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. ये कानून उनकी भूमि छीन लेगा. मैं हाथ जोड़कर केंद्र से अपील करता हूं कि वह कृपा कर इन तीनों कृषि कानूनों को वापस ले.’
सिसोदिया ने प्रदर्शनकारी किसानों से कहा, ‘हम सभी व्यवस्थाओं पर करीब से नज़र रख रहे हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि आपको (किसानों को) कम से कम परेशानी हो.’
सिंघू बॉर्डर के दौरे में केजरीवाल ने दिल्ली सरकार द्वारा की गई व्यवस्था का भी जायजा लिया.
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का मजबूती से समर्थन कर रही हैं.
सिंघू बॉर्डर के अलावा किसान जिनमें से अधिकतर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हैं, दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: UP में जातिगत स्टीकर लगाने पर वाहनों को जब्त करने का कोई नया आदेश जारी नहीं