नई दिल्ली: युनाइटेड किंग्डम के प्रसारण और संचार नियामक ऑफिस ऑफ कम्युनिकेशंस या ऑफकॉम ने, वर्ल्डव्यू मीडिया नेटवर्क लिमिटेड पर उसकी सेवा रिपब्लिक भारत के देश के प्रसारण नियमों का अनुपालन न करने के लिए 20,000 पाउंड्स का जुर्माना लगाया है.
वर्ल्डव्यू मीडिया नेटवर्क लिमिटेड– एक यूके स्थित फर्म जिसे पिछले साल संस्थापित किया गया था- के पास रिपब्लिक भारत का लाइसेंस है, जो हिंदी में समाचार और सामयिक विषय प्रसारित करता है.
जुर्माने के अलावा, ऑफकॉम ने मंगलवार को वर्ल्डव्यू मीडिया को ये निर्देश भी दिया कि उस कार्यक्रम को दोबारा प्रसारित न करे और ऑफकॉम के नतीजों का एक बयान प्रसारित करे, जिसकी तिथि और रूप नियामक तय करेगा.
संबंधित कार्यक्रम एक डिबेट था, जो रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णव गोस्वामी के पूछता है भारत में 22 जुलाई 2019 को प्रसारित हुआ था और जिसका विषय भारत के चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान को चांद पर उतारने का प्रयास था. यूके में इसे 6 सितंबर 2019 को दिखाया गया था.
ऑफकॉम के अनुसार, गोस्वामी और मेहमान योगदाताओं के बीच बहस, भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों पर केंद्रित थी, जिसमें पाकिस्तान के मुक़ाबले अंतरिक्ष की खोज और प्रौद्योगिकी प्रगति में भारत के रिकॉर्ड, कश्मीर पर चल रहे दोनों देशों के विवाद और पाकिस्तान के कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के विषयों पर चर्चा की गई.
ऑफकॉम ने कुछ उदाहरण दिए, जिनसे उसके अनुसार ये आभास होता था कि सभी पाकिस्तानी आतंकी हैं: ‘उनके वैज्ञानिक, डॉक्टर्स, उनके नेता, राजनीतिज्ञ सब आतंकवादी हैं. उसके खिलाड़ी भी’; ‘वहां पर हर बच्चा आतंकवादी है. हर बच्चा आतंकवादी है. आपका वास्ता एक आतंकी इकाई से है’.
उसने कहा कि एक गेस्ट ने तो पाकिस्तानी वैज्ञानिकों को ‘चोर’ भी कहा, जबकि दूसरे ने पाकिस्तानियों को ‘भिखारी’ तक कह दिया.
उसने आगे कहा, ‘इन आलोचनाओं के संदर्भ में, प्रेज़ेंटर (गोस्वामी) ने पाकिस्तान और-या पाकिस्तानी लोगों को मुख़ातिब करते हुए कहा: ‘हम वैज्ञानिक तैयार करते हैं, आप आतंकवादी पैदा करते हैं’.
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‘हेट स्पीच का मामला’
इस साल 24 फरवरी को एक नियमित निगरानी के दौरान इस कार्यक्रम के चिन्हित किए जाने के बाद ऑफकॉम इस नतीजे पर पहुंचा कि गोस्वामी और उनके कुछ पैनलिस्ट्स ने, कई ऐसे बयान दिए जो ‘हेट स्पीच हैं और पाकिस्तानी लोगों के साथ अपमानजनक और निंदापूर्ण व्यवहार के दायरे में आते हैं’.
24 फरवरी के अपने आदेश में नियामक ने कहा था, ‘सामग्री संभावित रूप से अपमानजनक थी और विषय भी पर्याप्त रूप से उचित नहीं था’. ‘ब्रॉडकास्टिंग कोड के नियम 3.2, 3.3 और 2.3 का उल्लंघन था. इन उल्लंघनों के गंभीर नेचर को देखते हुए हम एक वैधानिक प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं’.
अपने बचाव में वर्ल्डव्यू मीडिया नेटवर्क ने ये कहते हुए कार्यक्रम को उचित ठहराया था कि वो ‘पाकिस्तान के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की एक वैध स्टोरी पर आधारित था, जिसकी पुष्टि हाल की घटनाओं और प्रमुख पाकिस्तानी हस्तियों के एक ऐसे समय में आए बयानात से होती है, जब भारत एक अंतरिक्ष शक्ति बनने की दिशा में काम कर रहा था’.
उसने ये भी कहा कि कार्यक्रम ‘आतंकवाद या नफरत को बढ़ावा नहीं देता और निश्चित रूप से किसी भी तरह नफरत को उचित नहीं ठहराता’.
लेकिन ऑफकॉम ने उसके औचित्य को ख़ारिज कर दिया.
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