नई दिल्ली : केन्द्र के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को आहूत ‘भारत बंद’ के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सभी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी और शहर में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के पूरे इंतजाम किए हैं.
किसान नेताओं ने कहा था कि ‘भारत बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाओं को छूट दी जाएगी. प्रदर्शन कर रहे किसान पूर्वाह्र 11 बजे से अपराह्न तीन बजे के बीच टोल प्लाजाओं को बंद कर देंगे.
पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘राष्ट्रीय राजधानी में, खासकर सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.’
उन्होंने कहा कि लोगों को सड़कों पर आवाजाही के दौरान कोई परेशानी ना हो और कोई भी किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
वहीं, डीसीपी (यातायात पश्चिम रेंज) ने ट्वीट किया, ‘टिकरी, झाड़ोदा बॉर्डर, ढांसा यातायात के लिए पूरी तरह बंद हैं। बडूसराय बॉर्डर केवल कार और दो-पहिया जैसे हल्के वाहनों के लिए खुली है.’
पुलिस ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हरियाणा जाने के लिए दौराला, कापासहेड़ा, राजोकड़ी,एनएच-8, बिजवासन, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं.
भारतीय किसान एकता संगठन के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाला ने सोमवार को किसानों से शांति बनाये रखने और बंद लागू करने के लिए किसी से नहीं उलझने की अपील की.
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को हमारी मांगों को स्वीकार करना होगा. हम नए कृषि कानूनों को वापस लेने से कम किसी चीज में नहीं मानेंगे.’
किसानों के समर्थन में अन्ना हजारे एक दिन के अनशन पर बैठे
प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने मंगलवार को ‘भारत बंद’ रखने की अपील भी की है.
हजारे ने कहा कि देश में आंदोलन होना चाहिए ताकि सरकार पर दबाव बने और वह किसानों के हित में कदम उठाए.
हजारे ने एक रिकॉर्डेड संदेश में कहा, ‘मैं देश के लोगों से अपील करता हूं, दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है, वह पूरे देश में चलना चाहिए. सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसी स्थिति बनाने की जरूरत है और इसके लिए किसानों को सड़कों पर उतरना होगा। लेकिन कोई हिंसा ना करें.’
हजारे महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अनशन पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए सड़कों पर आने और अपना मुद्दा हल कराने का यह ‘सही समय’ है.
उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले भी इस मुद्दे का समर्थन किया है और आगे भी करता रहूंगा. हजारे ने कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता देने और एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
उन्होंने सरकार को सीएसीपी को स्वायत्तता नहीं देने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें ना लागू करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी.
उन्होंने कहा, ‘सरकार सिर्फ आश्वासन देती है, कभी मांगें पूरी नहीं करती.’