नई दिल्ली: एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने सोमवार को कहा कि उसने भारत में अत्याधुनिक जैव ईंधन विकास योजना की मदद के लिये तकनीकी सहायता के रूप में 25 लाख डॉलर (करीब 18 करोड़ रुपये) की मंजूरी दी है.
अनुदान का वित्त पोषण एशिया स्वच्छ ऊर्जा कोष से होगा. यह राशि जापान सरकार स्वच्छ ऊर्जा वित्त पोषण भागीदारी सुविधा तथा कोरिया गणराज्य की ई-एशिया और ‘नॉलेज पार्टनरशिप फंड’ से मिलेगी.
एडीबी ने एक बयान में कहा कि तकनीकी सहायता से अत्याधुनिक जैव-एथनॉल, बॉयो-कॉम्प्रेस्ड प्राकृतिक गैस तथा जैव डीजल संयंत्रों को मदद मिलेगी.
बयान के अनुसार, ‘इस नवीकरणीय ऊर्जा से खाद्य सुरक्षा को खतरा पैदा किये बिना ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी. भारत में भारी मात्रा में अपशिष्ट होते हैं लेकिन फसल अवशेषों को जलाये जाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है. अगर कृषि अवशेष को प्रभावी तरीके से एकत्रित किया जाए और उसका उपयोग कच्चे माल के रूप में जैव-ईंधन के लिये हो, तो इससे किसानों की आय बढ़ेगी और पराली जलाये जाने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा.’
एडीबी अत्याधुनिक जैव ईंधन निवेश को बढ़ावा देने के लिये पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, तेल उद्योग विकास बोर्ड और भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) तथा राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) जैसे सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों के साथ गठजोड़ करेगा.
इसके अलावा बहुपक्षीय वित्तीय संस्थान, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. समेत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ भी काम करेगा.