नई दिल्ली: किसान नेताओं और मोदी सरकार के बीच कल बातचीत से पहले किसानों मंगलवार को फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बातचीत को लेकर अपने इरादे जता दिए हैं. किसान नेताओं ने तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता दर्शन पाल ने आरोप लगाया कि केंद्र किसान संगठनों में फूट डालने का काम कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा.
We call for burning of effigies throughout the country to protest against Modi government and corporate houses on December 5: Darshan Pal, President of Krantikari Kisan Union
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— ANI (@ANI) December 2, 2020
किसान नेता दर्शन पाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र को नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
दूसरे किसान नेता किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानेगी तो हम और कदम उठाएंगे.
प्रदर्शनकारी किसानों के नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तो हम दिल्ली की और सड़कों को अवरुद्ध करेंगे.
संवाददाता सम्मेलन के पहले करीब 32 किसान संगठनों के नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर बैठक की जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए.
वहीं दूसरी तरफ नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली कूच कर रहे किसानों को पुलिस ने डॉ. अंबेडकर मेमोरियल पार्क में शिफ्ट किया है.
किसान नेता ने बताया, ‘हमें गिरफ्तार कर अस्थायी ज़ेल में डाल दिया गया है. जिस दिन ये हमें रिहा करेंगे हम वापस दिल्ली कूच करेंगे.’
नोएडा DCP राजेश कुमार सिंह का इस पर कहना है कि अस्थायी ज़ेल बिलकुल भी नहीं है. रोड पर बैठ गए थे तो पब्लिक परेशान हो गई थी लिहाजा हम इन्हें पार्क में ले आए ताकि हम इनसे निवेदन कर सकें कि ऐसा कोई कदम न उठाएं कि जनता को परेशानी हो. हम इन्हें दिल्ली में प्रवेश नहीं करने देंगे.
(भाषा और एएनआई के इनपुट्स के साथ)