नई दिल्ली/अहमदाबाद: गुजरात के राजकोट शहर में बृहस्पतिवार देर रात निर्दिष्ट कोविड-19 अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से पांच मरीजों की मौत हो गई. राजकोट के सरकारी अस्पताल में हुई इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कोर्ट में बुला लिया है.
उच्चतम न्यायालय ने राजकोट में कोविड-19 अस्पताल में बृहस्पतिवार को लगी आग की घटना पर संज्ञान लिया और कहा कि अब वक्त आ गया है जब भारत में कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए नीतियां, दिशा निर्देश और मानक संचालन प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं.
केंद्र के दिशा-निर्देशों का पालन न होता देख सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘जुलूस निकाले जा रहे हैं और 80 फीसदी लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं. बाकी के मास्क उनके जबड़े पर लटक रहे हैं. एसओपी और दिशानिर्देश हैं, लेकिन कोई इच्छाशक्ति नहीं है.’
राजकोट के एक COVID19 अस्पताल में आग लगने 5 मरीजों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने दुख व्यक्त किया है.
इसपर केन्द्र ने शीर्ष अदालत से कहा है कि केन्द्रीय गृह सचिव बैठक आयोजित करेंगे और देश भर के सरकारी अस्पतालों के लिए अग्नि सुरक्षा निर्देश जारी करेंगे. यही नहीं केंद्र ने यह भी कहा कि कोविड-19 की मौजूदा लहर पहले से अधिक कठोर प्रतीत हो रही है.
न्यायालय ने कहा, ‘महामारी से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत . राज्यों को हालात का मुकाबला करना होगा और कोविड-19 महामारी के हालात से निपटने के लिए राजनीति से ऊपर उठना होगा. केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि वर्तमान में कोरोनावायरस संक्रमण के 77 प्रतिशत मामले 10 राज्यों से हैं. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को तय की है.
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पीएम दुखी-सीएम ने दिए जांच के आदेश
इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘राजकोट के एक अस्पताल में आग लगने से जानमाल के नुकसान से बेहद दुखी हूं. मेरी सांत्वना उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने इस दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदी में अपने प्रियजनों को खो दिया. घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं. प्रशासन प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता सुनिश्चित कर रहा है.’
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने घटना पर दुख प्रकट किया और इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने मृतकों के परिजन को चार-चार लाख रुपये बतौर मुआवजा देने की घोषणा भी की है. बता दें कि अस्पताल लगने से आईसीयू में भर्ती 11 मरीजों में से पांच मरीजों की जान चली गई है. हालांकि बाकी मंजिलों पर आग फैलने से पहले उस पर काबू पा लिया गया.
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित जिन 26 अन्य मरीजों का इलाज चल रहा था, उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया है. इन सभी को दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
दमकल विभाग के अधिकारी जे. बी. थेवा ने बताया कि आनंद बंगलो चौक स्थित चार मंजिला उदय शिवानंद अस्पताल में पहली मंजिल पर बने आईसीयू में बृहस्पतिवार देर रात करीब साढ़े 12 बजे आग लगी. यहां कुल 31 मरीज भर्ती थे.
राजकोट के पुलिस आयुक्त मनोज अग्रवाल ने कहा, ‘ आग लगने से आईसीयू में भर्ती 11 मरीजों में से पांच मरीजों की जान चली गई. आग के बाकी मंजिलों पर फैलने से पहले उस पर काबू पा लिया गया. ’
राज्य के उप मुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल ने कहा, ‘ आईसीयू वार्ड में देर रात करीब साढ़े 12 बजे आग लगी और दमकल विभाग ने करीब आधे घंटे में ही इस पर काबू पा लिया. कोरोनावायरस से संक्रमित तीन मरीजों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य दो ने उस समय दम तोड़ दिया जब उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाया जा रहा था.’
पटेल ने कहा, ‘हादसे में कोई और घायल नहीं हुआ है. बाकी 26 मरीजों को अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.’
उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच से प्रतीत होता है कि आग एक वेंटिलेटर में शॉट-सर्किट की वजह से लगी. निजी अस्पताल के पास एनओसी थी. साथ ही सभी अग्निशमन उपकरण अस्पताल में मौजूद थे.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ए. के. राकेश मामले की जांच करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि हादसे में मारे गए मरीजों के नाम राम सिंह, नितिन बडानी, रसिका अग्रावत, संजय राठौड़ और केशु अकबरी हैं.
गौरतलब है कि अगस्त में अहमदाबाद के एक चार मंजिला निजी अस्पताल की सबसे ऊपर की मंजिल पर आग लगने से कोविड-19 से पीड़ित आठ मरीजों की मौत हो गई थी.