कोविड से लड़ने के लिए नाइट कर्फ्यू लगाना बेतुकापन है. कार्रवाई दिखाने के अपने हताशा भरे प्रयास में, राज्य इस मामले में एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. रात के समय और बढ़ते संक्रमण के बीच कोई स्थापित लिंक नहीं है. असली कार्रवाई बाजारों, सार्वजनिक कार्यक्रमों और बिना मास्क वाले लोगों पर दिन में होने वाली भीड़ पर होनी चाहिए.
संविधान को देवी नहीं जिसके आगे झुकिए और आगे बढ़िए, अपनी आत्मा को बनाए रखने के लिए संस्थान लड़खड़ा रहे
पीएम मोदी ने संविधान दिवस पर सही टिप्पणी की. पर संविधान को देवी नहीं जिसके आगे झुकिए और आगे बढ़िए. यह स्वतंत्रता, शासन के लिए एक जीवित मार्गदर्शिका है. इसके अक्षर तभी मायने रखते हैं जब इसमें निहित भावना का पालन किया जाए. अफसोस है कि इसे सुनिश्चित करने वाले संस्थान लड़खड़ा रहे हैं. इसे गंभीर सोच पर, हैपी संविधान दिवस.