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Friday, 22 November, 2024
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देश को ‘बांटने व सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने’ के लिए भाजपा ने ‘लव जिहाद’ शब्द को गढ़ा है: अशोक गहलोत

मुख्यमंत्री का यह बयान इन खबरों के बीच आया है जिनमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश की सरकार 'लव जिहाद' को लेकर सख्त कानून बनाने की तैयारी में है.

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जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘लव जिहाद’ को लेकर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि यह शब्द उसने देश को बांटने व सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए गढ़ा है. वहीं, भाजपा नेताओं ने गहलोत पर पलटवार करते हुए उनपर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया.

गहलोत ने इस बारे में ट्वीट में लिखा, ‘लव जिहाद शब्द भाजपा ने देश को बांटने व सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए गढ़ा है. शादी-विवाह व्यक्तिगत आजादी का मामला है जिसपर लगाम लगाने के लिए कानून बनाना पूरी तरह से असंवैधानिक है और यह किसी भी अदालत में टिक नहीं पाएगा. प्रेम में जिहाद का कोई स्थान नहीं है.’

मुख्यमंत्री का यह बयान इन खबरों के बीच आया है जिनमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश की सरकार ‘लव जिहाद’ को लेकर सख्त कानून बनाने की तैयारी में है.

गहलोत ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘वे देश में ऐसा माहौल बना रहे हैं जहां वयस्कों की आपसी सहमति राज्य सरकार की दया पर निर्भर होगी. शादी-विवाह व्यक्तिगत निर्णय होता है और वे इसपर लगाम लगा रहे हैं जो कि व्यक्तिगत आजादी छीनने जैसा ही है.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, सामाजिक तनाव बढ़ाने वाला नजर आ रहा है और यह सरकार द्वारा नागरिकों से किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं करने के संवैधानिक प्रावधानों के प्रतिकूल है.

वहीं, भाजपा नेताओं ने गहलोत के इस बयान की आलोचना की है. पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने गहलोत के बयान को शर्मनाक बताया.

पूनियां ने ट्वीट किया, ‘शर्मनाक है यह बयान, भारत विश्व का पुरातन सनातन देश है जहाँ विवाह एक नैसर्गिक संस्कार है. ‘लव जिहाद’ इस्लामिक आतंकवाद का घोषित एजेंडा है.’

उन्होंने कहा, ‘विश्वास नहीं होता कि वोट बैंक की राजनीति के लिए आप इतना गिर जाओगे.’

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी इसको लेकर गहलोत पर पलटवार किया.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘अशोक गहलोत जी, क्या हज़ारों युवतियों के साथ प्रेम और विवाह के नाम पर, नाम और धर्म बदलकर हो रहे धोखे को लव जिहाद नहीं कहेंगे? शादी अगर व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है तो फिर महिलाएं अपने मायके का नाम या धर्म रखने के लिए स्वतंत्र क्यों नहीं हैं?’


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