scorecardresearch
Wednesday, 20 November, 2024
होमराजनीतिबिहार चुनावबिहार में नीतीश कुमार का सातवीं बार मुख्यमंत्री बनना तय, NDA को RJD से मिली कड़ी टक्कर

बिहार में नीतीश कुमार का सातवीं बार मुख्यमंत्री बनना तय, NDA को RJD से मिली कड़ी टक्कर

उतार-चढ़ाव वाले इस चुनाव में आखिर नीतीश कुमार फिर से सरकार बनाने जा रहे हैं लेकिन इस बार राज्य में भाजपा को जदयू से ज्यादा सीटें मिली हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: आखिरकार बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए. नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला है. पिछले करीब 16 घंटों से वोटों की गिनती चल रही थी.

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन ने बिहार में एक बार फिर से सरकार बनाने को तैयार है. उतार-चढ़ाव वाले इस चुनाव में आखिर नीतीश कुमार फिर से सरकार बनाने जा रहे हैं लेकिन इस बार राज्य में भाजपा को जदयू से ज्यादा सीटें मिली हैं. मध्यरात्रि तक एनडीए को 125 सीट पर जीत मिलती दिख रही है जिसमें जदयू को 43 और भाजपा को 74 सीट शामिल है.

एनडीए की सहयोगी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को चार-चार सीटें मिली है.

इस जीत के साथ नीतीश कुमार बिहार के सातवीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे. राज्य के सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है. वहीं 31 वर्षीय राजद नेता तेजस्वी यादव ने उन्हें इस चुनाव में काफी कड़ी टक्कर दी है. हालांकि देर शाम राजद ने लगातार काउंटिंग में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया और चुनाव अधिकारियों से भी राजद के नेताओं ने मुलाकात की.

बिहार की 243 सीटों में मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल को 75 सीटें मिलती दिख रही है वहीं उसकी सहयोगी पार्टयां कांग्रेस को 19 और लेफ्ट पार्टियों को 16 सीटें मिलती नजर आ रही है.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार मध्यरात्रि तक राज्य में भाजपा को 19.4 प्रतिशत और जदयू को 15.4 प्रतिशत वोट मिले हैं. वहीं राजद को 23.1 प्रतिशत वोट मिले हैं. राजद के सहयोगी कांग्रेस को 9.54 प्रतिशत वोट मिला है.

तेजस्वी यादव ने राघोपुर और तेज प्रताप ने हसनपुर की अपनी सीट से जीत हासिल की है. राजद के सहयोगियों में से कांग्रेस का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा जिसका खामियाजा उसे चुनाव में भुगतना पड़ा है.

लेफ्ट पार्टियों का रहा अच्छा प्रदर्शन, लोजपा को मिली केवल एक सीट

चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को सिर्फ एक सीट पर ही जीत मिली. बता दें कि चिराग पासवान ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार निशाना साधा था और जनता से उन्हें हराने की अपील की थी लेकिन उनकी पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा.

इस बार के चुनाव में लेफ्ट पार्टियों को सबसे ज्यादा फायदा मिला है. महागठबंधन में शामिल लेफ्ट पार्टियों ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें सीपीआईएम(माले) को 12 सीटों पर जीत हासिल हुई है. सीपीआई को 2, सीपीआई(एम) को 2 सीटों पर जीत मिली है. वहीं कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन उसका प्रदर्शन फिर से एक बार खराब साबित हुआ है. उसे 19 सीटें मिली है.

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने बिहार के सीमांचल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है. उसने पांच सीटों पर जीत हासिल की है. पिछली विधानसभा में उनकी पार्टी का सिर्फ एक विधायक था जो उपचुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचा था.

इस साल की शुरुआत में बिहार के अखबारों में विज्ञापन देकर खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने वाली प्लुरल्स पार्टी की नेता पुष्पम प्रिया चौधरी खुद अपनी सीट नहीं बचा सकी. वो दो विधानसभा सीटों से चुनावी मैदान में थी, दोनों पर उन्हें बुरी हार का सामना करना पड़ा है.

बता दें कि 2015 की विधानसभा चुनाव में राजद ने 80 सीटें और जदयू ने 71 सीटों पर जीत हासिल की थी. उस समय दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था.


यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में इस्तीफा देने वाली JDU की मंजू वर्मा 40 हजार से ज्यादा वोटों से हारी


‘बिहारवासी की आशाओं और आकांक्षाओं की जीत’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, बिहार ने दुनिया को लोकतंत्र का पहला पाठ पढ़ाया है. आज बिहार ने दुनिया को फिर बताया है कि लोकतंत्र को मजबूत कैसे किया जाता है.

उन्होंने कहा, ‘बिहार के प्रत्येक वोटर ने साफ-साफ बता दिया कि वह आकांक्षी है और उसकी प्राथमिकता सिर्फ और सिर्फ विकास है। बिहार में 15 साल बाद भी एनडीए के सुशासन को फिर आशीर्वाद मिलना यह दिखाता है कि बिहार के सपने क्या हैं, बिहार की अपेक्षाएं क्या हैं.’

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘यह हर बिहारवासी की आशाओं और आकांक्षाओं की जीत है…’ उन्होंने कहा, ‘बिहार में विकास, प्रगति और सुशासन को पुनः चुनने के लिए प्रदेश के सभी भाइयों-बहनों का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूं’

उन्होंने कहा, ‘यह परिणाम न सिर्फ कोरोना के विरुद्ध मोदी सरकार की सफल लड़ाई में गरीब, मजदूर, किसान और युवाओं के विश्वास को दिखता है बल्कि देश को गुमराह करने वालों के लिए सबक भी है.’

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर कहा, ‘बिहार ने निर्णायक रूप से वंशवाद, भ्रष्टाचार व विभाजनकारी राजनीति को खारिज कर दिया है. बिहार के मतदाताओं ने न केवल भारतीय जनता पार्टी और एनडीए को वोट दिया है, बल्कि उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जारी विकास यात्रा में अपना विश्वास भी व्यक्त किया है.

भाजपा ने स्पष्ट बहुमत के लिए जनता का आभार जताया

बिहार के भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि महिलाओं ने बढ़-चढ़कर एनडीए को समर्थन दिया है. राजद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘उन्हें अपनी हार पच नहीं रही है और लगातार भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.’

बता दें कि राजद ने चुनावों में धांधली का आरोप लगाया था जिसपर चुनाव आयोग ने इन आरोपों को नकार दिया था.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि चौथी बार एनडीए को बिहार में काम करने का मौका मिल रहा है. सुशील मोदी ने अपने गठबंधन के सहयोगियों का धन्यवाद किया है.

मोदी ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि राजद के नेता कल ईवीएम पर भी सवाल उठा सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास की राह पर बिहार को ले जाएंगे.


यह भी पढ़ें: मुंबई इंडियंस ने जीता पांचवां आईपीएल खिताब, दिल्ली कैपिटल्स को 5 विकेट से हराया


 

share & View comments

1 टिप्पणी

Comments are closed.