नई दिल्ली: मुंबई पुलिस बुधवार को रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के घर पहुंची और उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की. कुछ देर बाद पुलिस उन्हें वैन में बिठा कर रायगढ़ पुलिस स्टेशन लेकर गई है. रिपब्लिक टीवी ने आरोप लगाया कि पुलिस जबर्दस्ती घर में घुसी.
अर्नब गोस्वामी को 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है. मुंबई पुलिस ने 2018 के आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में उन्हें सेक्शन 306 के अंतर्गत हिरासत में लिया. पुलिस ने यह मामला बंद कर दिया था लेकिन अब फिर से इसे खोला गया है.
अर्णब ने कहा कि मुंबई पुलिस ने उनके साथ बुरा बर्ताव भी किया. रिपब्लिक टीवी के अनुसार चैनल के कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी को रिपोर्टिंग से रोका गया. अर्णब की पत्नी साम्यब्रता रे गोस्वामी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घर में घुसकर बुरा बर्ताव किया और घसीटा.
चैनल इस घटना को महाराष्ट्र में ‘अघोषित आपातकाल’ बता रहा है. अर्णब ने कहा कि मुंबई पुलिस ने उनकी सास और ससुर, बेटे और पत्नी से बुरा व्यवहार किया.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘महाराष्ट्र में नियम का पालन किया गया है. किसी के खिलाफ कोई सबूत हो तो पुलिस कार्यवाही कर सकती है. जब से उद्धव ठाकरे की सरकार बनी है किसी के खिलाफ बदले के तहत कार्यवाही नहीं की गई है.’
‘इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही’
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है. यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है. हम इसकी भर्त्सना करते हैं.’
मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है। यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।@PIB_India @DDNewslive @republic
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 4, 2020
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘वरिष्ठ पत्रकार अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी निंदनीय और चिंतनीय है. 1975 में इमरजेंसी के साथ ही हमने फ्री प्रेस के लिए भी लड़ाई लड़ी थी.’
उन्होंने कहा, ‘मतभिन्नता हो सकती है, डिबेट किया जा सकता है और सवाल भी पूछे जा सकते हैं. लेकिन अर्णब गोस्वामी जैसे पत्रकार को पुलिस के दम पर गिरफ्तार करना, सिर्फ इसलिए कि वो सवाल पूछते हैं, सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए.’
The arrest of senior journalist #ArnabGoswami is seriously reprehensible, unwarranted and worrisome. We had fought for freedoms of Press as well while opposing the draconian Emergence of 1975.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) November 4, 2020
भाजपा नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, ‘रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के साथ मुंबई पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार और गिरफ्तारी प्रेस की स्वतंत्रता को महाराष्ट्र सरकार द्वारा कुचलना है. राजनीति से प्रेरित मुंबई पुलिस के इस कदम की निंदा करता हूं. ये इमरजेंसी की तरह है.’
स्मृति ईरानी ने कहा, ‘फ्री प्रेस में रहते हुए जो आज अर्णब के समर्थन में नहीं है वो फासिज्म के समर्थन में है. आप उन्हें पसंद नहीं करते लेकिन आप चुप रहते हैं तो आप सप्रेशन को सपोर्ट करते हैं. अगर आपके साथ ऐसा होगा तो कौन बोलेगा?’
Those in the free press who don’t stand up today in support of Arnab, you are now tactically in support of fascism. You may not like him, you may not approve of him,you may despise his very existence but if you stay silent you support suppression. Who speaks if you are next ?
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 4, 2020
#BREAKING | रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के घर पहुंची मुंबई पुलिस, कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी को रिपोर्टिंग से रोका
देखिए रिपब्लिक भारत पर #LIVE : https://t.co/G945HvzM0Z pic.twitter.com/3mmaktPdh5
— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) November 4, 2020
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘ये लोकतंत्र के लिए, मीडिया के लिए भयानक दिन. सवाल पूछने की सजा, सच दिखाने की सजा? अपनी मेहनत से इतना बड़ा नेटवर्क खड़ा करने की सजा? सारा देश आज अर्णब के साथ है.’
Arnab Goswami Arrested – ये लोकतंत्र के लिए, मीडिया के लिए भयानक दिन
सवाल पूछने की सजा, सच दिखाने की सजा ?
अपनी मेहनत से इतना बड़ा नेटवर्क खड़ा करने की सजा?सारा देश आज अर्णब के साथ हैं#IndiaWithArnab pic.twitter.com/CQdYWun8KL
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) November 4, 2020
(एएनआई के इनपुट के साथ)
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