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Friday, 22 November, 2024
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मोदी ने केवडिया में शुरू की देश की पहली सीप्‍लेन सेवा, ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को साबरमती रिवरफ्रंट से जोड़ेगी

एकता दिवस पर कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पीएम ने सरदार सरोवर बांध के पास बने तालाब-3 (पौंड-3) से दो इंजनों वाले सीप्लेन पर सवार हुए और पहली उड़ान भरी.

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केवडिया (गुजरात): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ को अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट से जोड़ने वाली सीप्लेन सेवा का उद्घाटन किया.

एकता दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत करने के बाद प्रधानमंत्री सरदार सरोवर बांध के निकट बने तालाब-3 (पौंड-3) से दो इंजनों वाले सीप्लेन पर सवार हुए और पहली उड़ान भरी.

विमान पर सवार होने से पहले उन्होंने यहां स्थित जल हवाई अड्डे पर अधिकारियों से बात की और विमान के बारे में जानकारी ली.

इस विमान में 19 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. लगभग 200 किलोमीटर की दूरी को सीप्लेन के जरिये लगभग 40 मिनट में तय किया जा सकेगा.

मोदी ने इससे पहले, केवडिया में ‘स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी’ के नजदीक निर्मित जलीय हवाई अड्डे (वॉटर ऐरोड्रोम) का उद्घाटन किया और केवडि़या से अहमदाबाद में साबरती रिवरफ्रंट तक सीप्‍लेन में पहली उड़ान भरी.

यह विमान 40 मिनट में 200 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट में उतरा.

इससे पहले, एकता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘आज सरदार सरोवर से साबरमती रिवर फ्रंट तक सी-प्लेन सेवा का भी शुभारंभ होने जा रहा है. ये देश की पहली और अपने आप में अनूठी सी-प्लेनसेवा है.’

उन्होंने कहा कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के दर्शन के लिए देशवासियों को अब सीप्लेन सेवा का भी विकल्प मिलेगा.

उन्होंने कहा, ‘इन प्रयासों से इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बहुत ज्यादा बढ़ावा मिलेगा. इससे यहां के लोगों को रोजगार के भी नए मौके मिल रहे हैं. इन उपलब्धियों के लिए भी मैं गुजरात सरकार को, गुजरात के सभी नागरिकों को और सभी 130 करोड़ देशवासियों को बधाई देता हूं.’

इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी के बयान के मुताबिक ऐसे सीप्लेन पानी में उतर सकते हैं और वहीं से उड़ान भी भर सकते हैं और उन क्षेत्रों के लिए अधिक उपयोगी हैं, जहां जमीन पर उतरने या रनवे की सुविधा नहीं है.

बयान में कहा गया, ‘यह उन भौगोलिक क्षेत्रों से संपर्क करने की दिशा में मददगार हो सकते हैं, जहां दुर्गम क्षेत्रों की वजह से अनेक चुनौतियां हैं.’

बयान में कहा गया कि इस सुविधा से देश के दूर-दराज के क्षेत्र विमानन की मुख्यधारा में आ रहे हैं और यहां हवाई अड्डे तथा रनवे बनाने पर कुछ भी लागत नहीं आएगी. ऐसे छोटे पंखों वाले विमान जलीय क्षेत्रों जैसे झीलों, बांधों, अप्रवाही जल, बजरीयुक्त क्षेत्रों और घास भूमि पर भी उतर सकते हैं और अनेक पर्यटक क्षेत्रों में इनसे संपर्क सुविधा आसानी से मिल सकती है.

विमानन क्षेत्र के कंपनी स्पाइसजेट रोजाना दो सीप्लेन उड़ानों का संचालन करेगी. इसमें एक तरफ का किराया 1500 रुपये से शुरू होगा.

सीप्लेन विमानों का संचालन स्पाइस जेट की सहयोगी कंपनी स्पाइस शटल करेगी. हर उड़ान की समय अवधि करीब 30 मिनट होगी.

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