नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्लू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मंगलवार को अपना ट्विटर अकाउंट आम लोगों के लिए बंद कर दिया. इससे पहले वो सोशल मीडिया यूज़र्स के ग़ुस्से का निशाना बनीं थीं. जिन्होंने उनके पुराने विवादास्पद ट्वीट्स निकालकर शेयर कर दिए और उन्हें पैनल से हटाने की मांग की थी.
यूज़र्स ने उनके कई साल पुराने ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स पोस्ट कर दिए जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी जैसे नेताओं पर हमले किए थे और उन पर ऐसी टिप्पणियां कीं थीं, जो यूज़र्स की निगाह में ‘कट्टर’ और ‘महिला-द्वेषी’ थीं.
यूज़र्स ने शर्मा को एनसीडब्लू चीफ के पद से हटाए जाने की भी मांग की.
ये सारा बख़ेड़ा उस मैसेज से खड़ा हुआ, जो एनसीडब्लू ने शर्मा के महाराष्ट्र गवर्नर भगत सिंह कोशियारी से मुलाक़ात के बाद मंगलवार को ट्विटर पर पोस्ट किया.
पोस्ट में लिखा था, ‘हमारी चेयरपर्सन @शर्मारेखा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम श्री भगत सिंह कोशियारी से मुलाक़ात की और राज्य में #महिलासुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें निष्क्रिय पड़े वन स्टॉप सेंटर्स #कोविड केंद्रों में महिला मरीज़ों से छेड़छाड़ व बलात्कार और लव जिहाद के मामलों में बढ़ोतरी शामिल थी.’
Our Chairperson @sharmarekha met with Shri Bhagat Singh Koshyari, His Excellency, Governor of Maharashtra & discussed issues related to #womensafety in the state including defunct One Stop Centres, molestation & rape of women patients at #COVID centres & rise in love jihad cases pic.twitter.com/JBiFT477IU
— NCW (@NCWIndia) October 20, 2020
एनसीडब्लू हैण्डल में ‘लव जिहाद’ के उल्लेख ने- जिसे हिंदू कट्टरपंथियों ने प्यार के नाम पर हिंदू महिलाओं के धर्म परिवर्तन की, तथाकथित मुस्लिम मुहिम को बयान करने के लिए गढ़ा है- बहुत से यूज़र्स को नाराज़ कर दिया, जिन्होंने शर्मा की कड़ी आलोचना की.
फिर सामने आए पुराने ट्वीट्स
मंगलवार को, जब इस मुद्दे पर विवाद गहराया तो ट्विटर यूज़र्स ने जिनमें तथ्य चेक करने वाले भी शामिल थे, शर्मा के पुराने ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स और आर्काइव किए हुए लिक्स शेयर कर दिए.
NCW Chairperson Rekha Sharma has locked her account but don't worry here are the google sheet of her archived tweetshttps://t.co/G81IxRMwyH
— kalim (@akhmxt) October 20, 2020
2012 के एक ट्वीट में, शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी ‘एक बहरे और गूंगे इंसान हैं, जिनकी ज़िंदगी मानसिक रूप से विकलांग महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती है’.
Wait? Account was hacked in 2012? ? pic.twitter.com/Vn5mxsh9Mw
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) October 20, 2020
2013 के एक ट्वीट में शर्मा को उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की आलोचना करते दिखाया गया है. शर्मा ने ये भी कहा कि सोनिया गांधी की मानसिक हालत को देखते हुए उन्हें किसी ‘पागलख़ाने’ भेज देना चाहिए.
2015 में उन्होंने ट्वीट किया कि ज़ी का ज़िंदगी टीवी, एक ‘मुस्लिम चैनल’ बन रहा है, चूंकि आम मनोरंजन का ये चैनल केवल ‘मुस्लिम वैवाहिक विज्ञापन’ दिखा रहा था. उन्होंने आगे कहा, ‘ज़रा सोचिए क्या हिंदू इसे देखना छोड़ देंगे’.
उसी साल उन्होंने राहुल गांधी पर एक मीम भी शेयर किया, जिसमें उन्हें ‘पप्पू’ कहा गया था, साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को ‘भारत का गर्व’ क़रार दिया.
जैसे ही एनसीडब्लू चीफ ने ट्रेण्ड करना शुरू किया, माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर शर्मा के दूसरे बहुत से ट्वीट्स भी शेयर होने लगे. उनके ट्वीट्स को ‘बेहद महिला-द्वेषी’, ‘धर्मांध’ और ‘पूरी तरह घटिया’ क़रार देते हुए, राजनेताओं समेत कुछ यूज़र्स ने, उन्हें महिला पैनल से हटाए जाने की मांग कर डाली.
Having installed a deeply misogynist, bigoted and downright sleazy NCW chief, the Modi Government clearly doesn't care two hoots about women's rights. #sackrekhasharma pic.twitter.com/yCRbpgrXB0
— Karuna Nundy (@karunanundy) October 20, 2020
Hey @sharmarekha – what on earth is a "love jehad" case? Any case in which a Muslim man and Hindu woman are in love? How dare you remain in your chair as @NCWIndia chief & use a term that a) treats women as property of communities b) hates Muslims? You bring shame to NCW. https://t.co/MYmSSTPN59
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) October 20, 2020
‘ज़रूरत से अधिक उछाला’
जब यूज़र्स ने शर्मा को टैग करते हुए, उनके पुराने ट्वीट्स निकालने शुरू किए तो शर्मा ने एक ट्वीट पोस्ट करके आरोप लगाया, कि उनका अकाउंट हैक कर लिया गया था.
शर्मा ने ट्वीट किया, ‘मैं ट्विटर इंडिया को शिकायत करूंगी और उस इंसान तक पहुंचूंगी जिसने मेरा अकाउंट हैक किया. मैं अपराधी को छोड़ने वाली नहीं हूं.’
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एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि किसी ने उनका अकाउंट हैक करके पीएम के ख़िलाफ ट्वीट कर दिया था. एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मैं एक फ्लाइट में थी जब ऐसा हुआ. लोग कितने शरारती हैं. वो महाराष्ट्र से था और मैं समझ सकती हूं कि ऐसा क्यों हुआ.’
महाराष्ट्र गवर्नर से अपनी मुलाक़ात के बारे में दिप्रिंट से बात करते हुए एनसीडब्लू प्रमुख ने कहा कि पूरा मामला ज़रूरत से ज़्यादा उछाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि ‘लव जिहाद’ का ज़िक्र उन्होंने दूसरे बहुत से मुद्दों के साथ किया था.
उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा है कि मैं अंतर-धार्मिक विवाह के पक्ष में हूं, लेकिन मैं धर्म परिवर्तन के ख़िलाफ हूं. बल्कि अंतर-धार्मिक विवाह तो मेरे अपने परिवार में भी हुआ है, तो फिर मैं उसके खिलाफ कैसे हो सकती हूं? हम देखते हैं कि राजनीति में भी ऐसा बहुत बार हुआ है.’
शर्मा ने ये भी कहा कि कोशियारी से मुलाक़ात के उनके मुख्य एजेण्डा को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है. ‘मुख्य मुद्दा कोविड केंद्रों में महिलाओं की सुरक्षा का था और ये भी था कि प्रदेश (महाराष्ट्र) में कोई महिला आयोग नहीं था बावजूद इसके कि बहुत सारे मामले लंबित पड़े हैं.
कौन हैं रेखा शर्मा
शर्मा, जो चंडीगढ़ से हैं, तीन साल तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रहीं, जिसके बाद अगस्त 2018 में उन्होंने इसकी प्रमुख का कार्यभार संभाला.
आयोग की आगुवाई से पहले, उन्होंने ये कहकर विवाद खड़ा कर दिया था, कि चर्चों में ‘पाप स्वीकारने’ की प्रथा को ख़त्म कर देना चाहिए, क्योंकि इससे ‘महिलाओं को ब्लैकमेल’ किया जा सकता है. उस समय केरल से ताल्लुक़ रखने वाले केंद्रीय मंत्री, अल्फॉन्स कन्ननथानम ने कहा था, कि मोदी सरकार का उनके रुख़ से कोई लेना-देना नहीं है.
उनकी नियुक्ति के समय बहुत सी महिला कार्यकर्ताओं ने, सरकार के इस क़दम का विरोध करते हुए कहा था, कि एनसीडब्लू को गिराकर एक ‘सियासी पार्किंग स्थल’ बना दिया गया है.
2015 से पहले शर्मा हरियाणा में बीजेपी की मीडिया प्रभारी थीं. 2015 में टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि शर्मा ने 1996 से 1998 तक, गुजरात का सीएम बनने से पहले, मोदी के साथ काम किया था. उनका ये कहते हुए हवाला दिया गया था, ‘मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा. जिस तरह वो चलते हैं…जिस तरह वो काम करते हैं, वो बहुत तेज़ हैं. वो बहुत तेज़ी से फैसले लेते हैं. वो अपनी बात पर अमल करते हैं.
एनसीडब्लू की वेबसाइट पर शर्मा के प्रोफाइल में, जो अब मौजूद नहीं है, कहा गया था कि वो एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं, जो छवि नाम से अपना मैनेजमेंट सेंटर चलातीं थीं. वो हरियाणा महिला उत्थान समिति नाम से एक एनजीओ भी चलातीं थीं, जो हरियाणा में ग्रामीण महिलाओं के विकास और सशक्तीकरण के लिए काम करती थी.
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