नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए दूसरी कट-ऑफ सूची शनिवार को घोषित की जाएगी, लेकिन दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक इस साल की कुल 70,000 सीटों में से लगभग 30,000 सीटें पहले ही भर चुकी हैं. शुक्रवार रात तक यह संख्या और भी ज्यादा बढ़ने के आसार है, जो पहले राउंड के तहत एडमिशन सुरक्षित कराने के लिए फीस जमा करने की आखिरी तारीख है.
पहली कट-ऑफ सूची पिछले शनिवार को जारी की गई थी, और इसके बाद से कॉलेजों में आवेदनों का अंबार लग गया है जैसा केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक ट्रेंड रहा है.
लेडी श्रीराम (एलएसआर) कॉलेज में पहली सूची के तहत तीन पाठ्यक्रमों-मनोविज्ञान (ऑनर्स), इकोनॉमिक्स (ऑनर्स) और पोलिटिकल साइंस (ऑनर्स) के लिए 100 प्रतिशत कट-ऑफ अंक निर्धारित किए गए हैं. डीयू के एक अन्य प्रतिष्ठित कॉलेज श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) ने भी बीकॉम (ऑनर्स) के लिए अपना कट-ऑफ 99.5 प्रतिशत और इकोनॉमिक्स (ऑनर्स) के लिए 99 प्रतिशत रखा है.
हाई कट-ऑफ वाले अन्य पाठ्यक्रमों में अंग्रेजी (ऑनर्स) और हिस्ट्री (ऑनर्स) शामिल हैं. अंग्रेजी (ऑनर्स) पढ़ाने वाले 44 कॉलेजों में से कम से कम पांच ने इस पाठ्यक्रम के लिए कट-ऑफ 98 प्रतिशत से अधिक होने की घोषणा की है.
डीयू में एडमिशन से जुड़े अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि इतनी ज्यादा कट-ऑफ होने के बावजूद 59,000 से अधिक छात्रों ने आवेदन किया है. अधिकारियों ने आगे जोड़ा इसमें से 29,764 छात्रों ने गुरुवार को फीस जमा करने के साथ एडमिशन पुख्ता करा लिया है जबकि 10,000 अन्य ने प्रोविजनल एडमिशन तो करा लिया है लेकिन अभी फीस जमा नहीं की है.
‘अच्छी प्रतिक्रिया’
एलएसआर की प्रिंसिपल सुमन शर्मा ने दिप्रिंट को बताया कि हाई कट-ऑफ के बावजूद उनके कॉलेज को सभी पाठ्यक्रमों, खासकर पोलिटिकल साइंस (ऑनर्स) में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. हालांकि, उन्होंने बताया कि सभी पाठ्यक्रमों के लिए दूसरी कट-ऑफ जारी होगी.
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उन्होंने आगे कहा, ‘छात्र कट-ऑफ में मामूली गिरावट की उम्मीद कर सकते हैं, अभी सभी पाठ्यक्रमों में सीटें उपलब्ध हैं.’
पोलिटिकल साइंस (ऑनर्स) और हिस्ट्री (ऑनर्स) के लिए हाई कट-ऑफ के बावजूद कई कॉलेजों का कहना है कि इन पाठ्यक्रमों के लिए उनकी सभी सीटें लगभग भर गई हैं.
रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल मनोज खन्ना ने बताया कि उनके यहां इन दोनों पाठ्यक्रमों में क्षमता से ज्यादा एडमिशन हो चुके हैं और दूसरी कट-ऑफ लिस्ट की संभावना कम ही है. प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव के मुताबिक हिंदू कॉलेज में भी लगभग यही स्थिति है, जहां इन दोनों पाठ्यक्रमों के लिए सीटें पहले ही भर चुकी हैं.
हिस्ट्री और पोलिटिकल साइंस के अलावा एक और कोर्स बीए प्रोग्राम के लिए भी सीटें भर चुकी हैं.
दूसरी सूची में ज्यादा मौके संभव नहीं
कई कॉलेजों के प्रिंसिपल का कहना है कि दूसरी कट-ऑफ सूची में अधिकांश पाठ्यक्रमों में 0.25 से 1 प्रतिशत से अधिक अंक की राहत संभव नहीं है, इसलिए छात्रों को बहुत ज्यादा किसी बदलाव की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
महाराजा अग्रसेन कॉलेज के एक एडमिशन अधिकारी ने कहा, ‘कई कॉलेजों में क्षमता से ज्यादा सीटें भर चुकी हैं और इसलिए कट-ऑफ में बहुत ज्यादा कमी की कोई संभावना नहीं है क्योंकि वे निर्धारित सीटों से ज्यादा छात्रों के एडमिशन से बचना चाहते हैं. हालांकि, कट-ऑफ पर कोई अंतिम निर्णय शुक्रवार की बैठक (प्रवेश समिति) के बाद ही लिया जाएगा.’
कॉलेजों के लिए दूसरी कट-ऑफ शनिवार रात तक जारी होगी और प्रवेश प्रक्रिया सोमवार से शुरू होगी. कोविड-19 के कारण इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन हो गई है.
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