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Friday, 22 November, 2024
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महाराष्ट्र के मंदिर खोले जाने का विवाद पहुंचा PM तक, पवार ने मोदी को चिट्ठी लिख, राज्यपाल की भाषा पर उठाए सवाल

शरद पवार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में शिकायत की कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के धार्मिक स्थलों को खोलने के सिलसिले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में ‘असंयमित भाषा’ का इस्तेमाल किया.

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मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में शिकायत की कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के धार्मिक स्थलों को खोलने के सिलसिले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में ‘असंयमित भाषा’ का इस्तेमाल किया.

मोदी को लिखे पत्र को जारी करने के बाद पवार ने ट्वीट किया, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि माननीय राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को ऐसा पत्र लिखा है जैसे किसी राजनीतिक पार्टी के नेता को लिखा गया हो.’

शरद पवार अपने लगातार किए गए ट्वीट में लिखते हैं, ‘मैं मानता हूं कि माननीय राज्यपाल इस मुद्दे पर अपने स्वतंत्र विचार और राय रख सकते हैं. मैं इस पत्र के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए राज्यपाल के इस प्रयास की सराहना करता हूं, हालांकि मैं हैरान हूं और यह जानकर हैरान हूं कि राज्यपाल का पत्र मीडिया को जारी किया गया था.’

वह अपने अगले ट्वीट में लिखते हैं, ‘और पत्र में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है वह संवैधानिक स्थिति रखने वाले व्यक्ति के लिए भी अच्छा नहीं है.’

उन्होंने कहा,‘ हमारे संविधान के प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़ा गया ताकि सभी धर्मों के प्रति समानता और संरक्षण प्रदान किया जाए और इसलिए मुख्यमंत्री की कुर्सी को संविधान के इस भाव को कायम रखना चाहिए.’

पवार ने कहा कि उन्होंने कोश्यारी के पत्र को लेकर अपने रुख से मोदी को अवगत करा दिया है.

पवार ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि वह उस भाषा पर ध्यान देंगे जो पत्र में इस्तेमाल की गई है संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसी भाषा का उपयोग करना शोभा नहीं देता.’


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