नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक ग्राहक की दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुई बीएमडब्ल्यू गाड़ी को नयी बीएमडब्ल्यू से बदलने के राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है.
न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने जर्मन ऑटोमोबाइल कंपनी बीएमडब्ल्यू की याचिका पर ग्राहक, डसाल्ट सिस्टम्स इंडिया प्रा लि, बजाज एलायंज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. और बर्ड ऑटोमोटिव प्रा. लि. को नोटिस जारी किये और उनसे जवाब मांगा है.
पीठ ने इसके साथ ही राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी और इस मामले को अंतिम रूप से निस्तारण के लिये चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया.
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 10 दिसंबर, 2019 को बीएमडब्ल्यू कंपनी को निर्देश दिया था कि वह अपने ग्राहक की दुर्घटनाग्रस्त हुयी गाड़ी के बदले नई गाड़ी दे.
आयोग ने बजाज एलायंज और बीएमडब्ल्यू से कहा था कि वह दिल्ली निवासी मुकुल अग्रवाल को हुये नुकसान की भरपाई करे. इस ग्राहक की गाड़ी का बीएमडब्ल्यू सेक्योर पॉलिसी के तहत बीमा था और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी.
बीएमडब्ल्यू सेक्योर पॉलिसी के तहत यदि सर्वे रिपोर्ट में वाहन के पूरी तरह नष्ट होने की पुष्टि की जाती है, तो क्षतिग्रस्त वाहन को नयी गाड़ी से बदला जाता है.
आयोग ने कंपनी को अग्रवाल को पंजीकरण, सड़क शुल्क और दूसरी मदों में किये गये सारे खर्चो का भुगतान करने का भी आदेश दिया था.
आयोग ने राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग के आदेश को बरकरार रखते हुये बीएमडब्ल्यू और बीमा कंपनी की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी.