नई दिल्ली: राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश उच्च सदन में रविवार को दो विवादास्पद कृषि विधेयक पारित किए जाने के समय उनके साथ हुए दुर्व्यवहार के खिलाफ एक दिन के उपवास पर हैं.
अपने फैसले के बारे में वेंकैया नायडू को लिखे एक पत्र में हरिवंश ने अपने बिहारी होने का जिक्र किया जिसका सहारा लेकर सत्ताधीश बीजेपी ने रविवार को कृषि विधेयकों पर राज्य सभा में हुए हंगामे के लिए विपक्ष की आलोचना की. बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं.
अपने पत्र में हरिवंश ने लिखा कि वो जेपी (जयप्रकाश नारायण) के गांव में पैदा हुए और वो महात्मा गांधी, जेपी, राम मनोहर लोहिया और (बिहार के पूर्व सीएम) कर्पूरी ठाकुर से बहुत प्रभावित थे.
हरिवंश ने लिखा, ‘मैंने गांधी, लोहिया, जेपी, कर्पूरी ठाकुर और चंद्रशेखर जैसे लोगों के मूल्यों और संस्कृति को आत्मसात किया है. उन्हीं सब लोगों की मेरे सामने उच्च सदन में हत्या की गई’. उन्होंने आगे लिखा, ‘…सार्वजनिक जीवन के अपने आचरण में मैंने जेपी आंदोलन और इन लोगों द्वारा आत्मसात की गई संस्कृति को अपने अंदर ढाला है. 20 सितंबर को सदन के अंदर जो नज़ारा मैंने देखा, उसने सदन और आसन की मर्यादा को अकल्पनीय नुकसान पहुंचाया है’.
जयप्रकाश नारायण, बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर उन निष्ठावान समाजवादी नेताओं में थे जिनका ताल्लुक बिहार से था.
उपसभापति ने कहा कि उन्हें (सांसदों के) व्यवहार से बहुत दुख पहुंचा है और उस घटना के बाद से वो बहुत मानसिक पीड़ा झेल रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे लगा कि अपने साथ हुए अपमानजनक व्यवहार के खिलाफ, मुझे उपवास रखना चाहिए. हो सकता है मेरे उपवास से इन नए सांसदों के मूड में कुछ आत्मशुद्धि की भावना आ जाए जिन्होंने दुर्व्यवहार किया है’.
लेकिन उन्होंने कहा कि वो सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेते रहेंगे.
उपसभापति ने ये भी लिखा कि उनसे भी गलती हो सकती है लेकिन उनमें इतना नैतिक साहस है कि सार्वजनिक जीवन में वो इसे स्वीकार कर सकते हैं.
उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘मेरा ये मानना है कि मेरी उतनी अहमियत नहीं है. लेकिन उपसभापति की कुर्सी अहमियत रखती है’.
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बिहार कनेक्शन
सोमवार को बीजेपी नेताओं ने विपक्षी कांग्रेस और आरजेडी सांसदों के हरिवंश के साथ किए गए दुर्व्यवहार को बिहारी सम्मान का अपमान करार दिया था और कहा था कि राज्य के लोग इन पार्टियों को मुंहतोड़ जवाब देंगे.
एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा था, ‘हम इसे एक सियासी मुद्दा नहीं बनाना चाहते लेकिन जिस तरह कांग्रेस और आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) हरिवंश जी पर हमला होते देखते रहे और बेशर्मी के साथ उसे उकसाया भी, उसे बिहार के लोगों को बताया जाएगा. कांग्रेस और आरजेडी को बिहार के लोगों को जवाब देना होगा.’
अपने पत्र में हरिवंश ने भी अपने बिहार कनेक्शन का ज़िक्र किया. उन्होंने लिखा कि ये बिहार की ही ज़मीन है जिसके साथ उनका करीबी रिश्ता है, जहां स्वतंत्रता आंदोलन ने आकार लिया था.
उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘चंपारन आंदोलन ने गांधी को महात्मा गांधी बनाया…जेपी के पूरे आंदोलन ने देश को एक दिशा प्रदान की…उसी ज़मीन पर सामाजिक न्याय को लेकर कर्पूरी ठाकुर की दिखाई गई दिशा ने उन लोगों को एक नया जीवन दिया जो पीढ़ियों से वंचित और पिछड़े चले आ रहे थे’.
मंगलवार सुबह हरिवंश संसद परिसर के अंदर विरोध पर बैठे आठ निलंबित सांसदों के पास गए और उनके इस कदम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नायडू दोनों ने सराहना की.
मोदी ने ट्वीट किया, ‘जिन्होंने कुछ दिन पहले उनपर हमला किया और अपमानित किया, उन्हें तथा धरने पर बैठे सांसदों को निजी तौर पर चाय पेश करना, दिखाता है कि हरिवंश जी एक विनम्र मन और विराट ह्रदय के मालिक हैं. ये उनकी महानता को दर्शाता है. मैं भारत के सभी लोगों के साथ मिलकर हरिवंश जी को बधाई देता हूं’.
To personally serve tea to those who attacked and insulted him a few days ago as well as those sitting on Dharna shows that Shri Harivansh Ji has been blessed with a humble mind and a big heart. It shows his greatness. I join the people of India in congratulating Harivansh Ji.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 22, 2020
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