लखनऊ : यूपी में योगी सरकार एमएसएमई के जरिए बिजनेस शुरू करने वालों को अब सरकार 72 घंटे के अंदर एनओसी और 20 किलोवाट का बिजली कनेक्शन देगी. योगी सरकार द्वारा छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए नए एमएसएमई एक्ट की गाइडलाइन्स जारी कर दी गई हैं, जिसके तहत अब नए उद्यमियों को व्यापार शुरू करने और एनओसी लेने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
यूपी में इस एक्ट के आने से पहले एमएसएमई उद्योग लगाने के लिए 29 विभागों से कुल 80 तरह के नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) लेनी पड़ती थी. लेकिन, अब केवल जिला समिति के पास जाना होगा.
यह एक्ट पिछले महीने 19 अगस्त को पास हुआ था, इस एक्ट की गाइडलाइन्स रविवार शाम जारी हुईं हैं.
एमएसएमई के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नवनीत सहगल ने दिप्रिंट को बताया, ‘नए एक्ट के तहत 72 घंटे में उद्योग का लाइसेंस न मिलने पर डीएम व उपायुक्त उद्योग को जिम्मेदार माना जाएगा.’
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर किसी को एमएसएमई के तहत यूपी में उद्योग लगाना है तो जिला स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति के सामने अपने उद्योग लगाने संबंधी आवेदन व अन्य दस्तावेज देनें होंगे, जिसके बाद वो समिति इन दस्तावेजों का तुरंत परीक्षण कराना शुरू करेगी और तीन दिन में उद्योग शुरू करने के लिए लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा.’
सहगल के मुताबिक जिला समिति को अन्य विभागों जैसे राजस्व, श्रम, प्रदूषण, ऊर्जा और अग्नि सुरक्षा के लिए निर्धारित प्रपत्र भी दाखिल करना होगा.
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एमएसएमई एक्ट की गाइडलाइन्स
यूपी सरकार की ओर से जारी की गईं एक्ट की गाइडलाइन्स के मुताबिक समिति में जिलाधिकारी, अध्यक्ष तो वहीं सदस्यों में संबंधित उप जिला मजिस्ट्रेट, क्षेत्रीय अधिकारी, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अधिशाषी अभियंता उप्र विद्युत निगम लिमिटेड, उप श्रमायुक्त या सहायक श्रमायुक्त क्षेत्रीय प्रबंधक राज्य औद्योगिक विकास निगम, सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा निदेशालय, जिला अग्निशमन अधिकारी सदस्य, उपायुक्त जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र होंगे.
इसके अलावा मुख्य सचिव जारी अनुमति व प्राप्त आवेदनों के मामलों के संबंध में एक कमेटी से हर तीसरे महीने समीक्षा बैठक करेंगे. इस कमेटी में राजस्व, पर्यावरण, वन, ऊर्जा, श्रम, गृह औद्योगिक विकास विभाग व एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव भी शामिल किए गए हैं.
गाइडलाइन्स के मुताबिक, ‘नए उद्योगों को बिजली विभाग द्वारा 20 किलोवाट तक का कनेक्शन पोर्टल के माध्यम से एनओसी के वक्त तुरंत दे दिया जाएगा.’
गाइडलान्स में यह भी कहा गया है कि अगर किसी को 20 किलोवाट से अधिक का कनेक्शन चाहिए तो ‘निवेश मित्र पोर्टल’ के माध्यम से अप्लाई करना होगा जिसके बाद चार दिन के अंदर कनेक्शन मिल जाएगा. वहीं उद्योग की अनुमति जारी होने के बाद कोई भी अधिकारी एक हजार दिन तक किसी भी तरह के अप्रूवल के संबंध में निरीक्षण नहीं करेगा.
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लॉकडाउन में 3.70 लाख नए उद्यमियों ने अप्लाई किया
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नवनीत सहगल के मुताबिक, सरकार की एमएसएमई को बढ़ावा देने की पॉलिसी के कारण लॉकडाउन के बाद से अब तक 3.70 लाख नए उद्यमियों यूपी ने एमएसएमई के तहत अपना उद्योग शुरू करने के लिए अप्लाई कर चुके हैं.
अब तक इन्हें 13 हजार करोड़ से अधिक का बैंक लोन सरकार की मदद से मिला है. इससे यूपी में लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा. वहीं, एमएसएमई ‘साथी’ ऐप के जरिए उद्योगों से जुड़ी सारी समस्याएं भी सुलझाई जाएंगी.
बता दें कि लॉकडाउन के बाद से वापस लौटे श्रमिको को रोजगार दिलाने के लिए यूपी सरकार प्रतिबद्ध है.वह लगातार लोन मेले के साथ-साथ श्रम कानून में बदलाव करती रही है. फिलहाल यूपी में एमएसएमई से भदोही का कालीन, लखनऊ का चिकनकारी, बनारस की साड़ी, मुरादाबाद का पीतल समेत यूपी के 57 प्रोडक्ट्स हैं.
यूपी सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रदेश में पंजीकृत और गैर पंजीकृत मिलाकर कुल 90 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं. और इससे करीब 3.50 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है. यहां यह जानना भी जरूरी है कि देश के एमएसएमई सेक्टर में उत्तर प्रदेश भी भागीदारी 14 फीसदी है.
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