नई दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को राज्यसभा में कृषि विधेयकों का तीखा विरोध किया और इन्हें किसानोंं के लिए डेथ वारंट करार दिया. उसने कहा कि वह किसी कीमत इन पर साइन नहीं करेगी. पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त करने और कार्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के लिए दोनों नए कृषि विधेयक लेकर आयी है. हालांकि सरकार ने इसका खंडन करते हुए कहा कि किसानों को बाजार का विकल्प और उनकी फसलों को बेहतर कीमत दिलाने के उद्देश्य से ये विधेयक लाए गए हैं.
कांग्रेस के तीखे विरोध पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को बुवाई के समय ही कीमत मिल जाएगी, भूमि के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न हो इसका प्रावधान किया गया है. उन्होंंने कहा कि यह बिल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा.
ये जो बिल हैं उन्हें कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से रिजेक्ट करती है। ये बिल हिंदुस्तान और विशेष तौर से पंजाब, हरियाणा और वेस्टर्न यूपी के जमींदारों के खिलाफ है। हम किसानों के इन डेथ वारंटों पर साइन करने के लिए किसी भी हाल में तैयार नहीं : राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर कांग्रेस MP pic.twitter.com/fxEAEJ3a7e
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 20, 2020
कांग्रेस के मंत्री प्रताप सिंह बाजवा ने कृषि विधेयकों को किसानों के लिए डेथ वारंट बताया और इस पर किसी कीमत पर साइन न करने की बात कही.
राज्यसभा में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि दोनों विधेयक किसानों की आत्मा पर चोट हैं, यह गलत तरीके से तैयार किए गए हैं तथा गलत समय पर पेश किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अभी हर दिन कोरोना वायरस के हजारों मामले सामने आ रहे हैं और सीमा पर चीन के साथ तनाव है.
बाजवा ने आरोप लगाया कि सरकार का इरादा एमएसपी को खत्म करने का और कार्पोरेट जगत को बढ़ावा देने का है. उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार ने नए कदम उठाने के पहले किसान संगठनों से बातचीत की थी ?
उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों विधेयक देश के संघीय ढांचे के साथ भी खिलवाड़ है. उन्होंने कहा कि जिन्हें आप फायदा देना चाहते हैं, वे इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसे में नए कानूनों की जरूरत क्या है. उन्होंने कहा कि देश के किसान अब अनपढ़ नहीं हैं और वह सरकार के कदम को समझते हैं.
बाजवा कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सक्तिशकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 पर सदन में एक साथ हुयी चर्चा की शुरूआत कर रहे थे.
बाजवा ने सवाल किया कि अगर सरकार के कदम किसानों के पक्ष में हैं तो भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी अकाली दल क्यों इसका विरोध कर रही है ?
कांग्रेस नेता ने 2015 की शांता कुमार समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को हो रहे घाटे को दूर करने के लिए सरकार कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार के नए कदम से पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का सबसे ज्यादा नुकसान होगा.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)