लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकार के खिलाफ सड़क पर और सोशल मीडिया के जरिए छात्रों के बढ़ते विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में खाली पड़े सरकारी पदों को जल्द से जल्द भरने का फैसला किया है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से शुक्रवार को सभी विभागों से खाली पड़े पदों का विवरण मांगा है. इसके अलावा अगले 3 महीनों में भर्ती प्रक्रिया शुरू करते हुए 6 महीने के अंदर नियुक्ति पत्र बांटने का भी निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री दफ्तर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा है, ‘सीएम श्री योगी आदित्यनाथ जी ने सभी विभागों को रिक्त पदों का विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि बीते साढ़े तीन वर्ष में संपन्न 03 लाख पदों पर चयन प्रक्रिया के अनुरूप आगामी 03 माह में भर्ती प्रक्रिया संचालित करते हुए 06 माह में नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएं.’
CM श्री @myogiadityanath जी ने सभी विभागों को रिक्त पदों का विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बीते साढ़े तीन वर्ष में संपन्न 03 लाख पदों पर चयन प्रक्रिया के अनुरूप आगामी 03 माह में भर्ती प्रक्रिया संचालित करते हुए 06 माह में नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएं।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 18, 2020
इस मुद्दे पर 21 सितंबर को सीएम योगी ने यूपी के सभी आयोगों और भर्ती बोर्डों के प्रमुखों के साथ बैठक भी बुलाई है. कितने पद खाली पड़े हैं ये आंकड़े योगी आदित्यनाथ ने कल तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.
सभी विभागों में रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्ति प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के लिए विभागों को रिक्तियों के आंकड़े कल तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
चयन प्रक्रिया में शुचिता और पारदर्शिता हमारी नीति है और इसे प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाएगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 18, 2020
यूपी सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज, लखनऊ समेत तमाम जिलों में छात्रों के लगातार बढ़ते विरोध प्रदर्शनों और सोशल मीडिया पर यूपी में बेरोजगारी को लेकर चल रहे तमाम हैशटैग्स को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ये फैसला किया.
सूत्रों का कहना है कि 2022 यूपी चुनाव से पहले ही सरकार सभी खाली पद भरना चाहती है ताकि चुनाव में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा न बन सके.
बता दें कि प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव समेत प्रदेश के तमाम विपक्षी दल बेरोजगारी को लेकर योगी सरकार को लगातार निशाने पर लेते रहे हैं.
जब जवान भी ख़िलाफ़, किसान भी ख़िलाफ
तब समझो दंभी सत्ता के दिन अब बचे हैं चार— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 17, 2020
यह भी पढ़ें: भारत को विदेश मामलों के लिए इंडिया इंक, थिंक टैंक और शिक्षाविद जैसे नए राजदूतों की जरूरत
लगातार बढ़ रहे छात्रों के प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश में पिछले 10 दिनों के भीतर छात्रों के 2 बड़े प्रदर्शन हुए हैं. 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन यूपी में छात्रों ने बड़े पैमाने पर ‘बेरोजगारी दिवस‘ के तौर पर मनाया. बाराबंकी, लखनऊ समेत कई जिलों में पकौड़ा बेचकर तो प्रयागराज, वाराणसी में छात्रों ने पोस्टर लगाकर बेरोजगारी दिवस मनाया.
प्रदेश में कई जगह पुलिस ने एनएसयूआई और समाजवादी स्टूडेंट विंग के छात्र नेताओं पर लाठीचार्ज करते हुए उन्हें हिरासत में भी लिया.
इससे पहले 9 सितंबर को यूपी में काॅम्पिटिटिव स्टूडेंट्स ने ‘9 बजे 9 मिनट‘ की थीम पर रोजगार की मांग करते हुए ताली-थाली बजाने के साथ दीये भी जलाए थे. इस दौरान भी कई जिलों में पुलिस की छात्रों से झड़प हुई थी.
योगी सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय लल्लू ने कहा, ‘आखिरकार युवाओं ने अपनी क्षमता से उन्हें नींद से जगा ही दिया है. यह तो साफ हो गया कि सरकार साढ़े तीन साल युवाओं के नौकरी पर कुंडली मार बैठी रही.’
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री योगी अब ये बताएं कि सरकार संविदा भर्ती प्रक्रिया कब वापस ले रही है? यूपी का युवा जानना चाहता है. उसे जवाब चाहिए. दरअसल इस बात की चर्चा है कि सरकारी नौकरियों में शुरुआती 5 साल संविदा (काॅन्ट्रैक्चुअल) पर भर्ती होगी. इस पर स्थिति क्लीयर होनी चाहिए.’
यह भी पढ़ें: लॉकडाउन के बाद क्या लोग नकदी दबाए बैठे हैं? RBI के नए आंकड़े यही इशारे करते हैं