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Thursday, 21 November, 2024
होम50 शब्दों में मतटोयोटा पर सार्वजनिक तौर पर तकरार निरर्थक, सरकार उद्योगों की सुने और डिमांड बढ़ाए

टोयोटा पर सार्वजनिक तौर पर तकरार निरर्थक, सरकार उद्योगों की सुने और डिमांड बढ़ाए

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

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ऐसे समय पर जबकि इन्वेस्टर और कंज्यूमर सेंटीमेंट को आक्रामक तौर पर बढ़ाने की जरूरत है, टोयोटा मोटर्स और भारतीय नीति निर्माताओं के बीच सार्वजनिक तौर पर तकरार निरर्थक है. टैक्स घटाने की मांग जायज है. सरकार को इसे विवाद की तरह देखने के बजाये उद्योग की बात सुननी चाहिए और डिमांड को बढ़ाना चाहिए.

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