नई दिल्ली: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) ने रविवार को उन लोगों की देखभाल के लिए, बाद की गाइडलाइंस जारी की हैं, जो कोविड बीमारी से ठीक हो चुके हैं. इन गाइडलाइंस में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए नुस्ख़े के हिसाब से आयुष दवाएं लेना और योग करना शामिल हैं.
ये दिशानिर्देश उन ठीक हो चुके मरीज़ों के लिए है जो अभी भी थकान, शरीर में अकड़ाहट, खांसी, गले में खराश और सांस में परेशानी महसूस कर रहे हैं.
सरकार की गाइडलाइंस उस दिन आईं जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को कोविड के बाद की देखभाल के लिए दूसरी बार नई दिल्ली के एम्स में दाखिल कराया गया, चूंकि बताया जाता है कि वो बेचैनी महसूस कर रहे थे.
13 सितंबर तक भारत में कोरोनावायरस के कुल 4,754,356 मामले हो चुके हैं जिनमें 78,614 मौतें शामिल हैं और 3,702,595 मरीज़ ठीक हो चुके हैं.
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आयुष दवाएं, योग, ‘कोविड के उपयुक्त आचरण’
गाइडलाइंस में कहा गया है कि ठीक हो गए मरीज़ों को निजी स्तर पर ‘कोविड के हिसाब से आचरण’ करते रहना चाहिए, जिसमें मास्क पहनना, हाथ साफ रखना और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करना शामिल हैं.
‘पर्याप्त मात्रा में गर्म पानी’ अगर डॉक्टर ने मना ना किया हो और केवल किसी योग्य चिकित्सक के नुस्ख़े पर इम्यूनिटी बढ़ाने वाली आयुष दवाएं खाने का भी सुझाव दिया गया है.
आयुष मंत्रालय की सिफारिश के अनुसार गाइडलाइंस में सुबह के समय दूध या पानी के साथ एक चम्मच च्यवनप्राश लेने के लिए भी कहा गया है.
गाइडलाइंस में योग या वॉक के रूप में, हल्की या मध्यम एक्सरसाइज़ के लिए भी कहा गया है. मंत्रालय ने कहा कि ‘अगर सेहत इजाज़त दे’ तो घर का नियमित काम किया जा सकता है जबकि व्यवसायिक या पेशे से जुड़ा काम भी ‘क्रमबद्ध तरीके से’ किया जा सकता है.
कोविड-19 के लक्षण कम करने वाली दवाएं भी जारी रखनी चाहिए, साथ ही यदि किसी को अन्य बीमारियां हों तो उनकी दवाएं भी खाते रहें. मरीज़ों से कहा गया है कि अपने ऑक्सीजन लेवल्स, टेम्प्रेचर, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ मरीज़ों के मामले में ब्लड शुगर को मॉनीटर करते रहें.
गाइडलाइंस में कहा गया है कि लगातार खांसी होने पर नमकीन पानी से गरारे करना चाहिए और हर्ब्स के साथ भाप लेनी चाहिए. मरीज़ों से कहा गया है कि तेज़ बुखार, सांस उखड़ने, कमज़ोरी या कनफ्यूज़न के लक्षणों पर नज़र रखें.
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बाद में हेल्थ केयर सुविधाओं में जाना
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस में अस्पताल से छुट्टी होने के बाद, सात दिन के भीतर खुद जाकर या ऑनलाइन के ज़रिए डॉक्टर से परामर्श के लिए भी कहा गया है. अस्पताल से छुट्टी के बाद का इलाज किसी भी फिजीशियन या आयुष चिकित्सक द्वारा किया जा सकता है.
लेकिन पॉलीथिरेपी (अलग-अलग थिरेपीज़ का मिश्रण) की सिफारिश नहीं की गई है क्योंकि दवाओं के आपस में मिलने से कुछ जटिलताएं पैदा हो सकती हैं और इनके प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं. जिन लोगों को कोविड-19 के बाद गंभीर लक्षण महसूस हो रहे हों उन्हें किसी हेल्थ केयर सुविधा में जाने की सलाह दी गई है.
सामुदायिक सहभागिता
सरकारी दिशानिर्देशों में बीमारी से जुड़े, सामाजिक कलंक से उबरने के लिए सामुदायिक सहभागिता की भी सलाह दी गई है. गाइडलाइंस में कहा गया है कि ठीक हो गए मरीज़ों को भ्रांतियों और अफवाहों को दूर करने के लिए स्वयं सहायता समूहों से मिलकर अपने सकारात्मक अनुभव साझा करने चाहिए और योग व मेडिटेशन जैसी सामूहिक गतिविधियों में हिस्सा लेना चाहिए.
ठीक हो गए मरीज़ों को ये सलाह भी दी गई है कि मानसिक स्वास्थ्य सहायता व रिकवरी तथा स्वास्थ्य लाभ के लिए मदद हासिल करें.
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