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Sunday, 24 November, 2024
होमदेशएक प्रतिशत से नीचे रहे कोविड-19 मृत्यु दर, हर किसी को मिले इलाज: स्वास्थ्य सचिव

एक प्रतिशत से नीचे रहे कोविड-19 मृत्यु दर, हर किसी को मिले इलाज: स्वास्थ्य सचिव

फ़िक्की की सचिव और अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर संगीता रेड्डी ने इस दौरान कहा कि इस समस्या ने प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर को एक अवसर दिया है कि दोनों साथ आएं और लोगों के लिए काम करें.

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नई दिल्ली: ‘क्लिनिकल प्रोटोकॉल और केस मैनेजमेंट इन कोविड-19’ से जुड़े एक वर्चुअल कॉन्क्लेव के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश को कोशिश करनी चाहिए की मृत्यु का दर एक प्रतिशत से ऊपर मत जाए. इस कॉन्क्लेव को स्वास्थ्य मंत्रालय और फ़िक्की ने मिलकर आयोजित किया था. इसके आयोजन में एम्स भी शामिल था.

स्वास्थ्य सचिव भूषण ने कहा, ‘हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि कोविड के किसी मरीज़ संग ऐसा मत हो कि उसे इलाज न मिले. कोविड के इलाज तक सबकी पहुंच होनी चाहिए, ये सबके लिए उपब्लध होना चाहिए और सस्ता होना चाहिए.’

फ़िक्की की सचिव और अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर संगीता रेड्डी ने इस दौरान कहा कि इस समस्या ने प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर को एक अवसर दिया है कि दोनों साथ आएं और लोगों के लिए काम करें.

आईसीएमआर के डीएचआर और डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने इस दौरान कहा कि कोविड को लेकर कैसी प्रतिक्रिया होनी चाहिए इसे लेकर सब हर रोज़ कुछ न कुछ सीख रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘इसके ख़िलाफ़ युद्धस्तर पर काम जारी रहना चाहिए ताकि महामारी ख़त्म होने तक शुरू में टेस्ट करके ट्रैंकिंग और ट्रीटमेंट की जा सके.’

उन्होंने ये भी कहा कि अब भारत के हर ज़िले में टेस्टिंग की सुविधा मौजूद है और सरकार का प्रयास है कि इसे और बढ़ाया जाए. कार्यक्रम के दौरान एम्स के निदेशक डॉक्टर रनदीप गुलेरिया ने तथ्य आधारित इलाज का रास्ता अपनाए जाने पर ज़ोर दिया. कार्यक्रम में जुड़े अस्पतालों को मंत्रालय ने इस बात के लिए प्रोत्साहित किया कि वो कोविड से जुड़ी अपनी अहम चिंताओं को ज़ाहिर करें.

इस कॉन्क्लेव से 150 अस्पतालों के प्रतिनिधि वर्चुअल माध्यम से जुड़े और इनमें से कई ने कोविड से जुड़े अपने अनुभव और इन्होंने जिन चुनौतियों का सामना किया उसे साझा किया.

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