सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में रहने वाले एक 28 वर्षीय व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि हरियाणा के पानीपत में दो लोगों ने यह जानने के बाद कि वह मुस्लिम है, उसकी पिटाई की और उसका दाहिना हाथ काट दिया.
एक तरफ जहां इस घटना को भाजपा शासित हरियाणा में हेट क्राइम की घटना के तौर पर देखा जा रहा है, वहीं पुलिस ने दावा किया है कि सहारनपुर निवासी इखलाक सलमानी पर 7 सितंबर को यौनाचार का मुकदमा दर्ज कराया गया था और उसने खुद ही रेलवे ट्रैक पर छलांग लगाकर अपने-आप को घायल कर लिया.
हालांकि, सलमानी के परिवार ने कहा कि यह मनगढ़ंत कहानी है और अपराध को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है.
पेशे से नाई सलमानी ने दावा किया कि यह घटना 23-24 अगस्त की रात को हुई थी. उसने आरोप लगाया कि हमलावरों ने उस समय उसका दाहिना हाथ काट दिया जब उन्हें उस पर ‘786’ का टैटू गुदा हुआ नजर आया. 786 की संख्या को अल्लाह का प्रतीक माना जाता है.
सलमानी के बड़े भाई इकराम ने कहा, ‘हमारी गलती बस यह है कि हम मुस्लिम हैं.’
पुलिस ने 10 सितंबर को शिकायत दर्ज कर ली, लेकिन अभी तक मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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पानीपत में क्या हुआ था
दिप्रिंट को मिली एफआईआर की एक प्रति के मुताबिक पानीपत के चांदनी बाग पुलिस स्टेशन में सलमानी के परिवार की तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि यह घटना देर रात करीब 1.30 बजे की है जब वह पानी लेने के लिए किशनपुर इलाके में एक रेलवे लाइन के नजदीक कुछ लोगों के पास पहुंचा था.
एफआईआर के मुताबिक, तभी दो आदमी सलमानी के पास पहुंचे और उसे रेलवे लाइन के पास बने एक घर में ले गए. उन्होंने सलमानी से उसका नाम पूछा और उसके हाथ में बना 786 का टैटू भी देखा.
उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘हम 786 में विश्वास करते है, हम अल्लाह में विश्वास करते हैं.’
एफआईआर में कहा गया है कि इसके बाद दोनों लोगों ने सलमानी को बेरहमी से पीटा था, जिनके बारे में दावा किया गया है कि वह सैनी समुदाय के हैं. इसमें यह दावा भी किया गया है कि हमलावरों ने उसके दाहिने हाथ को काटने के लिए ‘आरओ मशीन’ का इस्तेमाल किया. इसमें आगे कहा गया है कि फिर वह बेहोश हो गया.
सुबह लगभग पांच बजे उसे होश आया और उसने खुद को रेलवे ट्रैक पर पाया. फिर उसने अपने भाई से संपर्क करने के लिए एक राहगीर की मदद ली.
इकराम ने द प्रिप्रिंट को बताया, ‘मुझे सुबह-सुबह एक अजनबी की कॉल आई और फिर सुबह 7 बजे सब-इंस्पेक्टर बलवान का फोन आया, जिन्होंने मुझे इखलाक की चोट के बारे में जानकारी दी.’
प्राथमिकी में कहा गया है कि जीआरपी के एसआई बलवान ने सलमानी को रेलवे ट्रैक पर पड़े पाया और उसे पानीपत सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे पीजीआईएमएस, रोहतक रेफर कर दिया गया.
प्राथमिकी में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (जानबूझकर स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 326 (जानबूझकर खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना) और 326 (या चूकवश) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सलमानी ने बताया कि वह सहारनपुर में इकराम के साथ अपने हेयर सैलून में काम करता था. लेकिन महामारी के कारण उन्हें यह बंद करना पड़ा. उसने दिप्रिंट को बताया कि वे रोजगार की तलाश में अगस्त में पानीपत चले गए थे.
सलमानी ने दिप्रिंट को अपने माथे पर गहरा कट और घाव दिखाते हुए कहा कि उसके सिर पर ईंट से वार किया गया था. पीठ, टखने और पैरों पर चोट के निशान दिखाते हुए उसने कहा कि उसे हर जगह पीटा गया.
इकराम ने कहा, ‘उसे बुखार भी आ गया है और उसकी हालत ठीक नहीं है और सिर पर लगी चोट के कारण वह कुछ-कुछ बड़बड़ाता रहता है.’
‘पुलिस ने फायदा उठाया, दुर्घटना बताया’
सलमानी के परिवार के सदस्यों ने आरोप है कि पुलिस मामले को दुर्घटना बताने की कोशिश में लगी है.
इकराम ने कहा, ‘मेरा भाई होश में नहीं था और पुलिस ने इसका फायदा उठाया और अस्पताल तक में इसे दुर्घटना का मामला बता दिया, लेकिन मैंने इखलाख से घटना की जानकारी लेने का इंतजार किया और उस क्षेत्र में भी गया जहां उसे पीटा गया था.’
पीजीआईएमएस, रोहतक की मेडिकल रिपोर्ट दिखाते हुए इकराम ने कहा कि इसे ‘अज्ञात परिस्थितियों में दुर्घटना का मामला’ दर्शाया गया है.
उसने आगे दावा किया कि सलमानी को अनुमानित समय से पहले ही 7 सितंबर को छुट्टी दे दी गई. इसके बाद वह 8 सितंबर को उसे सहारनपुर में अपने नानौता गांव वापस ले आया.
परिवार अब बेहतर इलाज के लिए सलमानी को पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ ले जाने की तैयारी कर रहा है.
इस बीच, इकराम का कहना है कि सहारनपुर के सांसद हाजी फजलुर रहमान उनके भाई का हालचाल जानने के लिए घर आए थे. अन्य स्थानीय नेता भी परिवार से मिलने पहुंचे थे. सहारनपुर के प्रमुख कांग्रेसी नेता इमरान मसूद ने परिवार को वीडियो कॉल किया था.
अखिल भारतीय जमात-ए-सलमानी के सदस्य इकराम ने कहा कि वह अपने संगठन के अन्य सदस्यों को इस घटना से अवगत करा रहे हैं ताकि अपने भाई के लिए समर्थन और न्याय हासिल कर सकें.
उन्होंने बताया, ‘मैं व्हाट्सएप संदेश भेज रहा हूं और मेरे पास कोई वकील नहीं है, लेकिन मेरे संगठन के लोग और हमारा समर्थन करने वाले सभी लोग हमें न्याय दिलाने में मदद करेंगे.’
लेकिन 60 साल की उनकी मां हमीदा असहाय नजर आईं. उन्होंने कहा कि वह बस यही चाहती हैं कि उनका बेटा ठीक हो जाए. उन्होंने आंखों में आंसू भरकर कहा, ‘मैं उसे इस हाल में नहीं देख सकती.’
‘यह एक क्रॉस एफआईआर है’
पानीपत पुलिस ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि यह हेट क्राइम का मामला है.
पानीपत के डीएसपी, सतीश कुमार ने कहा कि सलमानी के परिवार ने 7 सितंबर को उसके खिलाफ दर्ज सोडोमी के मामले के बाद क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई है.
उन्होंने कहा, ‘यह एक क्रॉस एफआईआर है क्योंकि इससे पहले इखलाक के खिलाफ सोडोमी का एक मामला दर्ज कराया गया था और हमारी प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वह उसी घर (जहां सलमानी को यातना देने का आरोप लगाया जा रहा) में एक बच्चे के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा गया था और इसके बाद रेलवे ट्रैक पर कूद गया (भागते समय) और खुद को चोटिल कर लिया.’
सोडोमी केस में सलमानी के यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धारा 6 और 18 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. एफआईआर में कहा गया कि वह पानीपत में एक बच्चे को अपने साथ ले जाने की कोशिश कर रहा था.
प्राथमिकी, जिसकी एक प्रति दिप्रिंट के पास है, में बताया गया है कि इखलाक ने जो बच्चा उठाया था, वह सात साल का था.
एफआईआर के मुताबिक, जब रात में बच्चे के चाचा की आंख खुली तो उन्होंने पाया कि बच्चा आसपास नहीं है. तब परिवार ने उसकी तलाश शुरू की और उसे रेलवे लाइन के पास स्थित अपने घर से सटे पार्क में इखलाक के साथ अर्धनग्न हालत में पाया.
एफआईआर में कहा गया है कि परिवार के सदस्यों ने तब इखलाक से पूछताछ शुरू की और उसे थप्पड़ भी मारा. इसके बाद इखलाक रेलवे लाइन की ओर भागा.
डीएसपी ने कहा कि दोनों मामलों की जांच के लिए उनके नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गई है.
यातना मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘जब हमें शिकायत मिली थी तब हमने प्राथमिकी दर्ज की, क्योंकि पहले यह मामला जीआरपी पुलिस के पास था.’
उन्होंने कहा कि फिलहाल दोनों मामलों की जांच की जा रही है.
हालांकि, सलमानी के परिवार ने कहा कि यह आरोपियों और पुलिस की तरफ से मामला दबाने की कोशिश है.
इकराम ने दावा किया कि यह दो लोगों की मनगढ़ंत कहानी है, जिन्होंने मेरे भाई को पीटा है क्योंकि वे जानते हैं कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
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