लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर में ‘लव जिहाद’ से जुड़े मामलों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने जांच शुरू कर दी है. ये टीम शादी के लिए हुए धर्म परिवर्तन से संबंधित मामलों के किसी विशेष गैंग से संबंध होने की जांच कर रही है जिनमें कई पुराने मामलों की भी फाइलें खोली जा रही हैं.
कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि एसआईटी इस बात की पड़ताल कर रही है कि कि ऐसी घटनाओं के पीछे खाड़ी के देशों का पैसा तो नहीं है. साथ ही आरोपियों के बैंक खातों पर भी नजर है.
दिप्रिंट से बातचीत में मोहित ने बताया, ‘एसआईटी इस बात की जांच कर रही है कि कहीं इन घटनाओं के पीछे कोई गैंग तो काम नहीं कर रहा.’
मोहित के मुताबिक, अभी फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल होगा क्योंकि इन्वेस्टिगेशन चल रही है. लव जिहाद से संबंधित तमाम शिकायतें आई थीं जिसके बाद एसआईटी बनाई गई थी. ऐसे में इस बात का शक है कि इसके पीछे कोई विशेष गैंग हो सकता है.
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शालिनी यादव के मामले से बढ़ी चर्चा
पिछले महीने कानपुर की एक युवती शालिनी यादव ने मोहम्मद फ़ैसल नाम के युवक से शादी कर धर्म परिवर्तन कर लिया जिसके बाद युवती के ही परिजनों ने फ़ैसल के खिलाफ बेटी के अपहरण की रिपोर्ट लिखवाई थी. मामला चर्चा में आने के बाद कई हिंदूवादी संगठनों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था.
कानपुर पुलिस से जुड़े सूत्रों की मानें तो इन हिंदूवादी संगठनों ने आधा दर्जन मामले पुलिस-प्रशासन के सामने रखे जिसके बाद एसआईटी बनाने का फैसला लिया गया.
इन संगठनों की ओर से ये आरोप लगाया कि युवतियों को फंसाकर उनका शारीरिक शोषण करने के बाद जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है.
एसआईटी पिछले दो सालों में चिह्नित धर्म परिवर्तन के 17 मामलों की दोबारा जांच करेगी. इन मामलों के अलावा सोशल मीडिया पर नाम और धर्म बदलकर एक्टिव लोगों की जानकारी भी इकट्ठा की जा रही है. कई मामलों में फेसबुक के माध्यम से युवतियों से दोस्ती की बात सामने आई है जिसकी जांच की जाएगी.
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